लखनऊ:  यूपी में कौन बनेगा मुख्यमंत्री ? इस सवाल के जवाब को लेकर सस्पेंस जारी है. लेकिन एबीपी न्यूज को पुख्ता सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि मोदी सरकार में संचार मंत्री मनोज सिन्हा सीएम की रेस में सबसे आगे निकल गए है.


कल लखनऊ में विधायक दल की बैठक


सूत्रों के हवाले से खबर है कि कल लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य मनोज सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. विधायक दल की बैठक में मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू और भूपेंद्र यादव मनोज सिन्हा के नाम पर विधायकों की सहमति लेंगे और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इसकी जानकारी देंगे. इसके बाद अमित शाह नए मुख्यमंत्री का एलान कर देंगे.


सीएम पद की रेस में आगे चल रहे मनोज सिन्हा के गांव में खुशी की लहर


चुनाव के बाद से ही मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की चर्चा हो रही थी, उनमें राजनाथ सिंह के बाद मनोज सिन्हा का नाम लिया जा रहा था. लेकिन एबीपी न्यूज को जो जानकारी मिली है उसमें अब मनोज सिन्हा आगे हो गए हैं.


इसके पीछे वजह ये है कि मनोज सिन्हा पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी मनोज सिन्हा के नाम पर सहमति जता दी है.


कई मंत्री भी सिन्हा के नाम पर सहमत- सूत्र


बड़ी खबर ये भी है कि सीएम की रेस में सबसे आगे माने जा रहे गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा जल संसाधन मंत्री उमा भारती, पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री महेंद्र पांडे ने भी मनोज सिन्हा के नाम को हरी झंडी दे दी है.


मोदी सरकार में मंत्री हैं मनोज सिन्हा


सूत्र बता रहे हैं कि योग्यता के हिसाब से मुख्यमंत्री पद के लिए मनोज सिन्हा सबसे फिट उम्मीदवार माने जा रहे हैं. मनोज सिन्हा अभी मोदी सरकार में संचार के साथ साथ रेल राज्य मंत्री भी हैं. मंत्री के तौर पर उनका काम अच्छा माना जाता है. मनोज सिन्हा तीन बार गाजीपुर से सांसद रहे हैं. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और बीएचयू छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं.


मनोज सिन्हा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना इसलिए भी ज्यादा प्रबल मानी जा रही है, क्योंकि मोदी के राज में जहां जहां भी बीजेपी की सरकार बनी है ज्यादातर जगहों पर जाति-पाति देखकर सीएम का फैसला नहीं किया गया है.


महाराष्ट्र में ब्राह्मण जाति के देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा में गैर जाट के मनोहर लाल खट्टर और झारखंड में गैर आदिवासी रघुवर दास ऐसे तीन उदाहरण हैं जिन्हें परंपरा तोड़कर मुख्यमंत्री बनाया गया.


भूमिहार जाति से हैं मनोज सिन्हा


मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से आते हैं जो यूपी में बहुसंख्यक नहीं है. यूपी में कुल आबादी के करीब एक से डेढ़ फीसदी ही भूमिहार हैं. अगर मनोज सिन्हा मुख्यमंत्री बनेंगे तो ऐसा दूसरी बार होगा जब कोई भूमिहार जाति का मुख्यमंत्री बनेगा. 56 साल पहले श्रीकृष्ण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री थे.


मनोज सिन्हा का भी बिहार कनेक्शन है उनकी ससुराल बिहार के भागलपुर में है. अब नजर कल लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक पर है, जिसमें औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी और इसके बाद अमित शाह मुख्यमंत्री के नाम का एलान करेंगे.