नई दिल्ली/नोएडा : दादरी के बिसाहड़ा कांड ने पूरी दुनिया के सामने हिन्दू और मुस्लिमों के बीच रिश्तों की एक नकारात्मक तस्वीर पेश की थी. लेकिन, दो समुदायों के संबंधों की हकीकत इससे बिलकुल जुदा है. यह जगह हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल रही है. इसी पक्ष को उजागर करते हुए एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई गई है.


24 मिनट की डॉक्यूमेंट्री दादरी के बिसाहड़ा गांव से शुरू होती है


डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द ब्रदरहुड' जल्दी रिलीज होने वाली है. डाक्यूमेंट्री निर्माता पंकज पराशर ने बताया कि '24 मिनट की डॉक्यूमेंट्री दादरी के बिसाहड़ा गांव से शुरू होती है. जहां 28 सितम्बर 2015 की रात अख़लाक़ की हत्या हुई थी.'


जैसलमेर, सोमनाथ और ग्रेटर नोएडा का फिल्मांकन किया गया है


पंकज का दावा है कि 'यह अकेली घटना इस क्षेत्र की वास्तविक तस्वीर नहीं है. भाटी गोत्र के हिंदुओं और मुसलमानों के इतिहास को दिखाने के लिए जैसलमेर, सोमनाथ और ग्रेटर नोएडा का फिल्मांकन किया गया है.'


1857 के गदर से जुड़ी कई ऐतिहासिक घटनाएं द ब्रदरहुड में देखेंने को मिलेंगी


1857 के गदर से जुड़ी कई ऐतिहासिक घटनाएं द ब्रदरहुड में देखेंने को मिलेंगी. जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास में मायने रखती हैं. जिनसे दोनों समुदायों के बीच ताल्लुक़ातों की गहराई पता चलती है. 1947 में आजादी के बाद बंटवारे का दुखदायी दौर पूरे देश को झेलना पड़ा था.


भटनेर से कोई मुस्लिम परिवार देश छोड़कर पाकिस्तान नहीं गया


लेकिन, भटनेर से कोई मुस्लिम परिवार देश छोड़कर पाकिस्तान नहीं गया था. डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि किस तरह यहां के लोगों ने साथ रहना पसंद किया और मुस्लिम परिवारों को आगे बढ़कर पाकिस्तान जाने से रोक लिया था.