पटना: बिहार में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू के सीनियर नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के बयान ने एक बार फिर सियासी माहौल गरमा दिया है. जेडीयू नेता के मुताबिक इस महीन के दूसरे सप्ताह में एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो जाएगा. वशिष्ठ नारायण सिंह की इस बात से कयास लगाए जा रहे हैं कि 16 सितंबर से पहले तक सीटों के बंटवारे पर बात बन जाएगी. उधर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुझे नहीं जानकारी है कि क्या चल रहा है. 16 सितंबर को होगा कि 25 सितंबर को होगा ये नहीं कह सकता लेकिन फैसला बहुत जल्द होगा. वशिष्ठ नारायण सिंह ने जो कहा है उस पर मेरी जानकारी नहीं है. अब सवाल ये है कि अगर 16 सितंबर को सीट बंटवारे का फॉर्मूल तय होता है कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी? वहीं आरजेडी और कांग्रेस ने इस पर निशाना साधा है.
आरजेडी नेता भाई बीरेन्द्र ने कहा कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग का लड़ाई नहीं है. महागठबंधन का विस्तार हो रहा है और एनडीए के कुछ घटक दल महागठबंधन में शामिल होने वाले हैं. हमलोगों को न हड़बड़ी है और न लड़ाई है. महागठबंधन के लोग बैठकर एनडीए को हटाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं.
इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि 16 सितंबर को एनडीए में सीट शेयरिंग का अनाउंसमेंट होता है तो अगल दिन 17 सितंबर को एनडीए टूट जाएगा. एनडीए में सीटों को लेकर बड़े पैमाने पर असंतोष और झगड़ा है. महागठबंधन में स्थिति ऐसी नहीं है. महागठबंधन में शामिल पार्टियां अंडरस्टैंडिग के तहत काम कर रही हैं. हमारा मकसद एनडीए को सत्ता से बाहर करना है. उस लक्ष्य पर कांग्रेस और आरजेडी सहित सहयोगी दल बरकार है. हमारे सहयोगियों में और वृद्धि होने वाली है.
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा?
ये बड़ा सवाल है कि एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा. पहले ही जेडीयू ने बीजेपी को दो फॉर्मूला दिया था, जिसे बीजेपी ने खारिज कर दिया था. पहला फॉर्मूला ये था कि एनडीए के दो घटक दलों आरएलएसपी और एलजेपी को कितनी सीटें मिले ये तय हो जाए, फिर बाकी सीटों को बीजेपी और जेडीयू आपस में बराबर बांट ले. दूसरा ये कि जेडीयू 21 सीटों पर लड़े और 19 सीटों पर बीजेपी अपने दोनों सहयोगी पार्टियों के साथ लड़े.
वहीं हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि जेडीयू के हिस्से में 12 सीटें आएंगी, वहीं बीजेपी 20, एलजेपी छह, आरएलएसपी दो और लोक समता पार्टी को एक सीट मिलेगी. हालांकि इन कयासों को खुद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक बातचीत या एलान नहीं हुआ है.
एक बात साफ है कि बिहार में एनडीए अपने किसी भी घटक दल को नाराज नहीं करना चाहेगी. जाहिर है कि विपक्ष 2019 में महागठबंधन बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. ऐसे में अपने एनडीए खासकर बीजेपी अपने सहयोगियों की नाराजगी नहीं मोलना चाहेगी. जहां तक रही सीट बंटवारे की बात तो जिस तरह से बिहार में एनडीए घटक दलों के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं इससे साफ है कि इसका फैसला उनकी पार्टियों के मुखिया ही करेंगे.