लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए की शानदार जीत का श्रेय मोदी लहर को दिया जा रहा है. इस बार के चुनाव में उन सूबों में बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टियों ने ऐसा प्रदर्शन दिखाया है जैस पहले कभी नहीं दिखा. पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में बीजेपी और उसकी सहयोगियों की शानदार जीत इस बात का प्रतिनिथी उदाहरण है कि दूसरी बार भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन राज्यों के लोगों का मूड उनके साथ है.


बिहार, दिल्ली की सियासत के लिए काफी अहम रहा है क्योंकि इस राज्य से होकर लोकसभा का रास्ता साफ होता है. पुरानी लोकसभा में सीटों के समीकरण पर नजर डांले तो सूबे के छत्रपों ने ही प्रधानमंत्री की तस्वीर को साफ किया था. मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसकी सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने शानदार जीत दर्ज की है. आइए नजर डालते हैं में बिहार हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर और जानते हैं कि किस पार्टी को यहां कितनी सीटें हालिस हुईं और उनका वोट प्रतिशत क्या रहा?


राज्य में 40 लोकसभा सीटों पर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, जहां सभी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. सूबे में बीजेपी ने 23.6 प्रतिशत के वोट शेयर से 17 सीटों पर कब्जा जमाया है. यहां दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर जेडीयू रही, पार्टी ने बीजेपी के ही बराबर 17 सीटों पर राज्य में अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. नतीजों में जेडीयू के 16 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज किए. जेडीयू को यहां 21.8 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुए. एनडीए के तीसरे घटक एलजेपी ने यहां छह सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. रामबिलास पासवान की पार्टी के उम्मीदवार सभी छह सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. एलजेपी को यहां 7.9 प्रतिशत वोट हासिल हुए.


कांग्रेस यहां 7.7 प्रतिशत के साथ एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. राजेडी यहां एक भी सीट हासिल करने में कामयाब नहीं रही, मगर पूरे राज्य में आरजेडी के लिए हालिस होने वाला वोट प्रतिशत 15.4 था. वाम दल सीपीआई ने सूबे में 0.7 प्रतिशत वोट हासिल किए तो वहीं बीएसपी को 1.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए. नोटा पर पड़े वोटों के प्रतिशत की बात करें तो बीएसपी और सीपीआई से ज्यादा लोगों ने नोटा पर बटन दबाना पसंद किया, नोटा पर इस बार 2 प्रतिशत वोट पड़े. उन्य के हिस्से में 14.5 प्रतिशत वोट पड़े.