नई दिल्ली: लोकसभा में आज लोक जनशक्ति पार्टी और कांग्रेस सदस्यों ने बिहार में सूखे की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया और पूरे राज्य को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किये जाने की मांग की. सदन में नियम 193 के तहत ‘देश के विभिन्न भागों में हाल में उत्पन्न बाढ़ और सूखे की स्थिति’ के बारे में चर्चा में हिस्सा लेते हुए एलजेपी की वीणा देवी ने कहा कि बिहार में सूखा की गंभीर स्थिति है . किसान परेशान हैं और कर्ज लेकर खेती करने के कारण आज उनकी कमर टूट चुकी है.

एलजेपी नेता ने कहा कि बिहार में ‘टाल क्षेत्र’ के जिलों में दाल की काफी खेती होती है और इसे दाल का कटोरा भी कहा जाजा है. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण स्थिति काफी खराब है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पूरे बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए.

इससे पहले, शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि बिहार के 36 जिले सूखे की चपेट में हैं. कई जिलों में 60 प्रतिशत कम बारिश हुई है. किसान धान का बिचड़ा नहीं लगा पाए हैं. सब्सिडी आधारित डीजल प्राप्त करने में भी उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि आज राज्य का किसान परेशान है. ऐसे में सम्पूर्ण राज्य को सूखाग्रस्त प्रदेश घोषित किया जाए और इस संबंध में पैकेज भी दिया जाए.