पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की वकालत की है. नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी मांग है कि जनगणना जाति आधारित हो. उन्होंने कहा कि 2011 में सोसिओ-इकोनॉमिक सर्वे कराया गया था और ये सर्वे भी सही तरीके से नहीं किया गया था. गौरतलब है कि इससे पहले भी सीएम नीतीश ने कहा था कि 2021 में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए. वहीं बिहार में आरजेडी पूर्व में की गई जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाती रही है.


बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कह चुके हैं कि केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि 2021 की जनगणना जाति आधारित होगी. 1931 के बाद पहली बार देश में जाति आधारित जनगणना होगी. बीते जनवरी सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि जातीय जनगणना के बाद SC/ST समाज के आरक्षण के कोटे को बढ़ाया जाएगा. अगले पंचायत चुनाव में अतिपिछड़ा समाज के लोगों के कोटे को बढ़ाने का काम NDA सरकार करेगी.


13 प्वाइंट रोस्टर पर नीतीश कुमार का बयान


इसके अलावा नीतीश कुमार ने 13 प्वाइंट रोस्टर का विरोध किया. सीएम ने कहा कि पुराने रोस्टर सिस्टम को लागू किया जाना चाहिए क्योंकि नई रोस्टर प्रणाली से न्याय नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि सदन में इसको लेकर प्रस्ताव लाया जाना चाहिए.


वहीं मॉब लिंचिंग पर भी सीएम नीतीश ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग कोई आज की कहानी नहीं है. ये तो कब से चला आ रहा है. अगर किसी घर में कोई चोर घुस आए तो घर वाले या गांव वाले जुटकर उसकी पिटाई करते हैं तो क्या ये मॉब लीनचिंग है?


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