लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के अंदर पिता-पुत्र का झगड़ा खत्म हो गया. अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया गया, लेकिन इस सबमें एक बार फिर अखिलेश के अंकल और समाजवादी पार्टी महासचिव अमर सिंह को विलेन बताया जा रहा है. इस पर अमर सिंह का कहना है कि बार-बार उन्हें विलेन कहना ठीक नहीं है.

 

अमर सिंह ने कहा, 'मुझे जीने दें और अगर मैं इसका कारण बताया जा रहा हूं तो वो(मुलायम) मेरा बलिदान कर दें. मुझे छुट्टी दें.' इसके बाद उन्होंने कहा कि 'अगर सच में उनके अनुभवी, परिपक्व नेताओं को मैंने बरगलाया है तो वो छुपाए नहीं, परिवार के सदस्यों को बता दें.' अमर सिंह ने कहा, 'अगर ऐसा है तो साफ-साफ कह दो कि अमह सिंह ने भड़काया है, और अगर ऐसा नहीं है तो सपष्ट कर दें.' इसके बाद अपने शायराना अंदाज में अमर सिंह ने कहा, 'मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए, मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो, मेरा दिल अगर कोई दिल नहीं उसे मेरे सामने तोड़ दो.' 'दर-दर की ठोकरों मुझे इतना बता दो मेरा कुसूर क्या है, मुझे जीने दो.' अमर सिंह उत्तर प्रदेश में समाजवादी परिवार के दंगल में अखिलेश समर्थकों के निशाने पर रहे हैं. खुद अखिलेश भी बिना नाम लिए सारे विवाद के लिए एक बाहरी शख्स को जिम्मेदार ठहराते रहे. इस पर लंदन में बैठे अमर सिंह ने कहा कि उन्हें बेवजह विलेन बनाया जा रहा है. मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह की शर्तों में अमर सिंह को पार्टी से निकाले जाने की शर्त की भी चर्चा थी, हालांकि इस पर किसी ने खुल कर कुछ नहीं कहा और न ही अभी ऐसा कोई फैसला हुआ है लेकिन खुद अमर सिंह का कहना है कि ये नेताजी को तय करना है कि कौन गलत और कौन सही. फिलहाल पिता-पुत्र में सुलह के बाद समाजवादी पार्टी का हाइ वोल्टेज ड्रामा खत्म हो चुका है. हालांकि पार्टी के जिस अधिवेशन को लेकर अखिलेश और रामगोपाल को नोटिस दिया गया था, वो अधिवेशन आज तय वक्त पर हो रहा है, पर उम्मीद की जा रही है कि आज वहां कोई नया बखेड़ा नहीं खड़ा होगा.