नई दिल्ली/मऊ: नोटबंदी के बाद से बैंक खातों में जाली रकम आने की सिलसिला अब भी जारी है. बीते दिन मेरठ में एक महिला कमर्चारी के खाते में करोड़ों रूपये का मामला सामने आया था और इस बार मामला है मऊ के रिटायर्ड क्लर्क रामबृक्ष शर्मा का. यूपी में मऊ के रहने वाला शर्मा परिवार इन दिनों एक अजीब सी मुसीबत में है. रिटायर्ड क्लर्क शर्मा जी के खाते में अचानक 15 लाख रुपये आ गए जिसके बाद इनकम टैक्स अधिकारियों भी उनके घर पहुंच गए.

4 साल पहले स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हो चुके रामबृक्ष शर्मा की जिंदगी आराम से कट रही थी लेकिन अचानक इनकम टैक्स वालों ने इन्हें सदमा दे दिया. मऊ के घोसी में रहने वाले रामबृक्ष शर्मा के घर 25 दिसंबर की सुबह इनकम टैक्स अधिकारी पहुंचे और बैंक खाते में जमा 15 लाख रुपये का हिसाब मांगा. इनकम टैक्स के अधिकारियों का आ धमकना और ऊपर से 15 लाख के हिसाब की बात सुनकर शर्मा जी हैरान रह गए. रामबृक्ष का कहना है कि उन्होंने इस खाते को लंबे समय से देखा तक नहीं है.
रामबृक्ष शर्मा यूपी के आजमगढ़ में तैनात थे और वहां पर इनका काशी गोमती संयुत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में खाता था. रिटायरमेंट के बाद रामबृक्ष ने मऊ में स्टेट बैंक में खाता खुलवा लिया था और उसी से लेनदेन करते थे. आजमगढ़ के बैंक खाते में चार साल से कोई लेन देन नहीं किया. लेकिन नोटबंदी के बाद 12 नवंबर को बैंक खाते में 5 लाख रुपये जमा हुए. इसके बाद 27 नवंबर को भी 5 लाख जमा हुए, तीसरी बार 12 दिसंबर को बैंक खाते में एक बार फिर 5 लाख रूपये आ गए. इस बाबत रामबृक्ष शर्मा ने जब पड़ताल की तो पता चला कि विभाग की तरफ से भी उनके खाते में 40 हजार रुपये किसी फंड के जमा किए गए थे उसकी भी इन्हें जानकारी नहीं थी. शर्मा जी को 40 हजार जमा होने की खुशी तो है लेकिन 15 लाख जमा होने का डर भी सता रहा है कि कहीं उस पैसे के लेनदेन को लेकर कोई मुसीबत उनके गले ना पड़ जाए जिसके बारे में वो जानते भी नहीं हैं.

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