मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत के संपादकीय में 'रूस के राज्य की तरह भारत के टूटने' वाले बयान से एनसीपी ने किनारा किया है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, 'संपादक के तौर पर ये संजय राउत का व्यक्तिगत विचार हो सकता है, पार्टी का नहीं.'


संजय राउत ने क्या कहा
संजय राउत ने अपने संडे विशेष कॉलम में बड़ी बात कह दी है. संजय राउत ने लिखा है कि 'राजनीतिक अहंकार के लिए मुंबई की 'मेट्रो' को अवरुद्ध कर दिया. अगर केंद्र सरकार को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि हम राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो जैसे रूस के राज्य टूटे वैसा हमारे देश में होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. केंद्र सरकार की क्षमता और विश्वसनीयता पर सवालिया निशान पैदा करनेवाले साल 2020 की तरफ देखना होगा.'


संजय राउत ने यह भी कहा है कि लोकतंत्र में राजनीतिक हार होती रहती है, लेकिन ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करने के लिए केंद्र सरकार की सत्ता का जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है वह दुखदायक है. बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो चल रहे हैं और देश के गृह मंत्री इसका नेतृत्व कर रहे हैं. उसी समय कोरोना के संदर्भ में भीड़ से बचने के लिए महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ता है. नियमों को शासक तोड़ते हैं और भुगतान जनता को करना पड़ता है.


प्रधानमंत्री राज्य सरकारों को अस्थिर करने में विशेष रुचि ले रहे हैं तो क्या होगा?
संजय राउत ने कैलाश विजयवर्गीय के खुलासे पर भी पीएम मोदी को निशाने पर लिया है. राउत ने कहा, "भाजपा नेता विजयवर्गीय ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विशेष प्रयास किया था. यदि हमारे प्रधानमंत्री राज्य सरकारों को अस्थिर करने में विशेष रुचि ले रहे हैं तो क्या होगा? प्रधानमंत्री देश का होता है. देश एक महासंघ के रूप में खड़ा है. यहां तक कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं, वे राज्य भी राष्ट्रहित की बातें करते हैं."


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