नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पटना में इसका आधिकारिक एलान होगा. पार्टी की बिहार इकाई चुनाव की तैयारी कर रही थी लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर हाईकमांड ने वीटो कर दिया.
दरअसल आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों को एहसास है कि बिहार में एनडीए बनाम आरजेडी गठबंधन की लड़ाई में आम आदमी पार्टी को लोग गंभीरता से कतई नहीं लेंगे. आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को लगता ऐसे में चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं है. लेकिन एक सूत्र के मुताबिक पार्टी का आधिकारिक रुख यह रहेगा कि "कोरोना महामारी और बाढ़ के प्रकोप के बीच चुनाव करवाए जाने के विरोध में आप ने बिहार चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया है."
हालांकि इस फैसले से आम आदमी पार्टी की बिहार इकाई में असंतोष है. फैसला बदलवाने के मकसद से कई कार्यकर्ता दिल्ली आए हुए हैं ताकि आलाकमान पर दबाव बन सके.
कार्यकर्ताओं का क्या कहना है
आम आदमी पार्टी की बिहार इकाई के एक नेता ने कहा "कोरोना के बावजूद हम लोगों ने चुनाव को लेकर पूरे बिहार में बैठकें की. लोगों की मदद के लिए 13 हजार से ज्यादा ऑक्सिमीटर बांटे. बावजूद इसके चुनाव ना लड़ने का फैसला निराशाजनक है".
वहीं आम आदमी पार्टी, बिहार के प्रमुख सुशील सिंह ने एबीपी न्यूज से कहा कि कोरोना महामारी के बीच विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ है. हमें उम्मीद थी कि चुनाव छह महीने आगे बढ़ेगा लेकिन सरकार को लोगों के सवास्थ्य की नहीं कुर्सी की फिक्र है. उन्होंने कहा कि बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वह आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे.
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव में बिहार की तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और हर जगह उनकी जमानत जब्त हुई थी. पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने मैदान में ना उतरकर नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ रही महागठबंधन को समर्थन दिया था.
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