China News: चीन का एक बार फिर राष्ट्रपति बनना तय होने के बाद शी जिनपिंग को शिष्टाचार मुबारकबाद के तौर पर तमाम देशों के प्रधानमंत्रियों ने बधाई दी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुबारकबाद देने वाले प्रधानमंत्रियों में शामिल नहीं हैं.


ब्रिटेन में नाटकीय बदलाव के बाद रिशी सुनक प्रधानमंत्री चुने गए जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने औपचारिक तौर पर मुबारकबाद दी लेकिन शी जिनपिंग के एक बार फिर से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने जाने पर उन्हें पीएम ने बधाई संदेश नहीं भेजा.


ऐसे में कई सवाल पैदा होते हैं. जैसे... आखिर ऐसा क्यों? शी जिनपिंग वहीं राष्ट्रपति हैं जिनके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने दो-दो बार भारत बुलाकर Informal Summit का आयोजन किया था तो बधाई क्यों नहीं?


जानें क्या है वजह...


एबीपी न्यूज़ को सरकार के उच्च सूत्रों ने इस मामले पर बात करते हुए वजह बताई. उन्होंने कहा, गालवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद बिगड़ते रिश्ते इसकी असल वजह है. दरअसल, गालवान में हुई झड़प के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विबो और दूसरे चीनी सोशल मीडिया से अपने अकाउंट्स भी बंद कर दिए थे. यही नहीं प्रधानमंत्री के शी को मुबारकबाद नहीं देने के पीछे बहुत बड़ी वजह ये भी है कि गालवान में अब तक सीमा पर दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी किसी भी तरह से भारतीय फौजियों का मनोबल नहीं गिराना चाहते.


विदेश मंत्री ने साफ किया कि...


चीन के प्रति भारत की नीति को एक से ज़्यादा बार विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने स्पष्ट की है. जयशंकर ने कई दफा साफ किया है कि चीन के साथ सीमा के हालात ही दोनों देशों के रिश्तों के हालात तय करेंगे. साथ ही भारत ने देश में चीनी निवेश की समीक्षा भी शुरू कर दी थी. यहीं नहीं देशभर में भी चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों को कम से कम करने की मांग लगातार उठती रही है.


इसके अलावा, उजबेकिस्तान के शहर समरकंद में हुई SCO सम्मेलन के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग से द्विपक्षीय वार्ता नहीं की थी. गालवान में हिंसक झड़प के बाद अब तक दोनों नेताओं के बीच एक बार भी आपस में बातचीत नहीं हुई है.


यह भी पढ़ें.


Coimbatore Explosion Case: 'कोयंबटूर ब्लास्ट केस NIA को सौंपेगी तमिलनाडु सरकार', सीएम एमके स्टालिन का बयान