Wrestlers Protest Update: गंगा नदी में मेडल बहाने पहुंचे देश के नामी पहलवानों को किसान नेता नरेश टिकैत (Naresh Tikait) मनाने में कामयाब हो गए हैं. पहलवान बिना मेडल प्रवाहित किए वापस लौट रहे हैं. नरेश टिकैत ने मंगलवार (30 मई) को हर की पौड़ी पर पहुंचकर पहलवानों से मेडल ले लिए और उनसे पांच दिन का वक्त मांगा. नरेश टिकैत ने एबीपी न्यूज़ से बताया, "जैसे ही हमें खिलाड़ियों के यहां आने का पता चला हम तुरंत यहां के लिए निकल गए थे. हमनें यहां आकर अपने बच्चों के सामने झोली फैलाई कि ऐसा कदम मत उठाओ."

  


नरेश टिकैत ने कहा, "मैंने उनसे कहा कि इस कदम ये यहां की धरती लाल हो जाएगी. हम नहीं चाहते कि देश में कहीं भी कोई तनाव हो. ये बच्चों के भविष्य और सम्मान की बात है. उन्होंने मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है. आज इन खिलाड़ियों को इस तरह से धरना देना पड़ रहा है. 28 मई को पुलिस ने किस से इन खिलाड़ियों के साथ बुरा बर्ताव किया." उन्होंने आरोप लगाया कि दोषी को बीजेपी बचा रही है.  


खिलाड़ियों ने आत्महत्या करने की कही बात


किसान नेता ने बताया, "हमने और बाकी मौजिज लोगों ने उनसे बात की और उन्होंने हमारी बात नहीं टाली. हम अपने बच्चों का सिर नीचा नहीं होने देंगे. हमने सिर पर हाथ रखकर उनसे कहा कि हमें पांच दिन का समय दो हम सब ठीक कर देंगे. खिलाड़ियों ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक नहीं हुआ, इंसाफ नहीं मिला तो हम आत्महत्या कर लेंगे. हमनें उन्हें कहा कि ऐसी नौबत नहीं आने देंगे."






"बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे का क्या हुआ?"


टिकैत ने आगे कहा, "क्या अब इस देश में किसी को आवाज उठाने की भी इजाजत नहीं है. पीएम मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे का क्या हुआ? एक शासक को अच्छा काम करना चाहिए. जो दोषी उसे बचाने के बजाय, सजा दें. खिलाड़ियों के साथ सम्मान से बात करें और मामले को सुलझाया जाए." गौरतलब है कि पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


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