मुंबईः एक तरफ जहां किसान आंदोलन अपने चरम पर है वहीं सरकार को घेरने की कवायद में विपक्ष की राजनीति नया मोड़ लेती नज़र आ रही है. इस बार फिर राजनीति के दिग्गज, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार केन्द्र में हैं. गौर करने वाली बात ये है कि राष्ट्रपति से मिलकर तीनों किसान कानून वापस लेने की मांग करने की पूरी रणनीति शरद पवार और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बनाई और इसके लिए कई दौर की मुलाकातें शरद पवार के घर पर हुई.


लिहाज़ा राजनीतिक हल्कों में चर्चा गर्म है कि शरद पवार क्या केन्द्र में विपक्ष के नेतृत्व की भूमिका में आ रहे हैं. सालों से शरद पवार के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा को लेकर भी काफी राजनीतिक चर्चाए रहीं हैं. एबीपी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में खुद कांग्रेस के एक बड़े नेता ने शरद पवार को राष्ट्रीय स्तर पर महाराष्ट्र की तर्ज़ पर विपक्ष का गठबंधन बनाने का प्रस्ताव दिया.


सूत्रों के मुताबिक हाल ही में कांग्रेस के प्रमुख नेता ने दिल्ली में शरद पवार उनके निवास पर किसानों के समर्थन में एकजुटता को लेकर मुलाकात की थी और पवार को केन्द्र में बीजेपी के सामने महाराष्ट्र के ही तर्ज़ पर विपक्ष का गठबंधन खड़ा करने और उसका नेतृत्व करने की सलाह भी दी थी. सूत्रों के मुताबिक़ इस नेता ने शरद पवार को ये भी बताया था कि हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से जब विपक्ष का नया मोर्चा बनाने पर बात हुई थी तो सोनिया गांधी ने भी कहा था कि कांग्रेस अभी मुश्किल घड़ी से गुज़र रही और ये काम शरद पवार ही कर सकते हैं.


इसके बाद से ही शरद पवार सक्रिय हुए और तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से बात और मुलाकात कर किसान कानूनों पर राष्ट्रपति से मिलने का कार्यक्रम तैयार किया गया, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल थे.


सूत्रों के मुताबिक अब आने वाले महीनों में शरद पवार केन्द्रीय स्तर पर महाराष्ट्र के महाविकास अघाडी की ही तर्ज पर विपक्ष का गठबंधन खड़ा करते नज़र आ सकते हैं और सूत्रों के मुताबिक इस बात की प्रबल संभावना है कि दशकों से प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखने वाले शरद पवार खुद इस गठबंधन का नेतृत्व भी करें .


बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले हीं महाराष्ट्र में एक ही सरकार में होने के बावजूद, शरद पवार ने कहा दिया था कि राहुल गांधी में कंसिस्टेन्सी की कमी है.


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