लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 11 मार्च यानी आज से यह कानून देशभर में लागू हो गया. इसके लागू होते ही शाहीन बाग समेत कई संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.


लेकिन एक सवाल उठ रहा है कि जिस कानून को साल 2019 में ही मोदी सरकार ने पास कर दिया था, उसे लागू करने में आखिर इतने साल का वक्त कैसे लग गया? इस सवाल का जवाब बीजेपी ने दिया है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने एबीपी डिजिटल टीम के साथ बात करते हुए बताया कि यह मोदी सरकार की तरफ से उठाया गया स्वागत योग्य कदम है.


उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से आए प्रताड़ित लोगों को हमारी सरकार ने सम्मान दिया है, उन्होंने नागरिकता दी है. उन्होंने इस कानून के लागू होने में देरी के सवाल के जवाब में कहा कि कई लोग इस कानून के लागू होने में अड़चने पैदा करना चाहते थे. कुछ लोग वोट की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए मुसलमानों को बरगलाना चाहता थे. लेकिन मुसलमान भाइयों को जब ये समझ में आया कि ये नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है, उसके बाद ये कदम उठाया गया है.


उनका कहना है कि देश के मुसलमान भाइयों को अब पूरी तरह से समझ में आ गया है कि सीएए से उनको किसी तरह का कोई खतरा नहीं है. ऐसे में ये एक खुशी का अवसर है. इसे समझाने में थोड़ा वक्त लगता है. इसके मोदी केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी ने लागू किया है, ये देश के लिए खुशी का अवसर है.


जमाल सिद्दीकी ने कहा कि देश में करीब 50 साल तक कांग्रेस और विपक्षी दलों की ही सरकार थी, उनके पास ये मौका था, कि वो ये कदम उठा सकते थे. लेकिन उन्होंने इस मौके के गंवा दिया. उन्होंने कहा कि मुसलमान भाई अगर कहीं सबसे ज्यादा सुरक्षित है तो वो भारत में है. ऐसे में मुसलमान भाई कभी भी हिन्दू भाई के खिलाफ कदम नहीं उठा सकते हैं. आज अगर भारत में मुसलमान खुश है तो वे सिर्फ हिन्दू की वजह से है.