उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्कवाड (ATS) ने रविवार (4 फरवरी, 2024) को मेरठ से सतेंद्र सिवाल नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगे हैं. हैरानी की बात ये है कि पकड़ा गया शख्स मॉस्को में इंडियन अंबेसी में तैनात है. रौबदार और शांत चेहरे वाले सतेंद्र सिवाल के गांव वाले यह सुनकर हैरान हैं कि वह देशद्रोह का आरोपी है. इस घटना के बाद उसका परिवार गांव छोड़कर चला गया है. लखनऊ की कोर्ट ने सोमवार (5 फरवरी, 2024) को उसे 7 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. 


सतेंद्र सिवाल विदेश मंत्रालय में एमटीएस यानी मल्टी टास्किंग स्टाफ के तौर पर काम करता है और उसकी पोस्टिंग मॉस्को में भारतीय दूतावास में है. उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) का एजेंट है. आखिर सतेंद्र सिवाल कैसे ISI के संपर्क में आया और देश की कितनी खुफिया जानकारियां उसने पाकिस्तान तक पहुंचाईं, आइए जानते हैं-


ISI को खुफिया जानकारी देने के एवज में मिली मोटी रकम
सतेंद्र का हाव भाव भले ही किसी आम लड़के जैसा है, लेकिन दिल्ली से करीब 4 हजार 326 किलोमीटर दूर मॉस्कों में बैठकर इसने देश के खिलाफ जो साजिश रची. उसकी कड़ियां जब यूपी एटीएस ने जोड़ी तो सतेंद्र के रिश्ते सीमापार से जुड़े. साल 2021 से सतेंद्र मॉस्को में इंडियन एंबेंसी में इंडियन बेस्ड सिक्योरिटी असिस्टेंट के पद पर तैनात था. UP ATS को इनपुट मिला कि ISI के हैंडलर्स हनी ट्रैप में फंसाकर विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को बहला फुसलाकर और मोटी रकम का लालच देकर भारत के खिलाफ जासूसी करवा रहे हैं. इस इनपुट पर जब यूपी एटीएस ने छानबीन की तो पता चला की सतेंद्र सिवाल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को कई अहम जानकारियां दीं और उसके एवज में उसके अकाउंट में मोटी रकम भी क्रेडिट हुई.


यूपी एटीएस ने पूछताछ में सतेंद्र से क्या-क्या पूछा?
पिछले कई महीनों से सतेंद्र UP ATS और सुरक्षा एजेंसियों के सर्विलांस पर था. सतेंद्र के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले और फिर कसा उस पर कानून का शिकंजा. तारीख 3 जनवरी, दिन शनिवार, यूपी एटीएस की टीम मेरठ पहुंची. एटीएस के पास सवालों की लिस्ट तैयार थी. सतेंद्र को हापुड़ से मेरठ बुलाया गया था. सामने बिठाकर UP ATS के अफसरों ने सतेंद्र से क्या क्या सवाल पूछे आइए जानते हैं-


पहला सवाल- वो कब से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा था? दूसरा सवाल- सतेंद्र ISI के संपर्क में कैसे आया?  तीसरा सवाल- ISI को अब तक देश की क्या क्या खुफिया जानकारियां दीं? चौथा सवाल- वो लड़की कौन है, जिसके जाल में फंसकर सतेंद्र गद्दार बना? पांचवां सवाल- मॉस्को के अलावा देश में उसके और कितने साथी हैं?


कैसे ISI के हनी ट्रैप में फंसा सतेंद्र सिवाल
UP ATS के अफसरों ने सतेंद्र से जितने भी सवाल पूछे वो पहले तो उनका घुमा फिराकर जवाब देता रहा, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो सतेंद्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने माना कि वो ISI के लिए जासूसी कर रहा था. सतेंद्र गुमराह कैसे हुआ और कैसे ISI के मकड़जाल में फंसा?


इसकी कहानी रूस की राजधानी मॉस्को से ही शुरू हुई. इंडियन एंबेसी में बैठकर सतेंद्र सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता. इसी दौरान फेसबुक पर उसकी मुलाकात पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एजेंट पूजा के साथ हुई. पूजा ISI के हनी ट्रैप की मोहरा थी, जिसने फेक आईडी से सतेंद्र से चैटिंग शुरू की. बात नहीं बनी तो मैसेंजर और वॉट्सएप पर सतेंद्र को अप्रोच किया. दोनों के बीच वॉट्सएप के जरिए ही फोन पर बात होने लगी. पूजा ने सतेंद्र से भारतीय सेना से जुड़ी अहम जानकारियां मांगी. दावा ये किया कि वो हिन्दुस्तान पर रिसर्च कर रही है. सतेंद्र ने भारतीय सेना की कई जानकारियां आईएसआई को लीक कर दीं.


कहां का रहने वाला है सतेंद्र सिवाल?
ISI के हनी ट्रैप में फंसा सतेंद्र सिवाल यूपी के हापुड़ का रहने वाला है. ये देहात थाना इलाके का श्यामनगर है. यहीं सतेंद्र अपने परिवार के साथ रहता है. वो आखिरी बार कब गांव आया था और उसका चाल चलन कैसा था? इसकी पड़ताल करते हम सतेंद्र के रिश्तेदारों के घर पहुंचे. सतेंद्र की चाची बबीता ने बताया, 'बहुत अच्छा लड़का है. पढ़ाई करता था गांव में किसी से कोई झगड़ा नहीं. 28 को आया था उसकी मौसी की बेटी की शादी थी. उसकी मम्मी है पापा है एक भाई है दो बहने हैं उनकी शादी हो गई. पुलिस आई थी पूछ रही थी क्या करता है कहां पढ़ा.'


सतेंद्र सिवाल की गिरफ्तारी से गांव में सन्नाटा
गांव में सन्नाटा पसरा है. सतेंद्र का परिवार गांव छोड़ चुका है. गांव वाले ये सुनकर हैरान हैं कि सतेंद्र सिवाल पर देशद्रोह के आरोप हैं. सतेंद्री की पड़ोसन अंगूरी देवी ने कहा कि सतेंद्र की बस लोगों से राम राम थी, लोगों से फालतू बात नहीं करता था. किसी से इनकी बात नहीं है. बस राम राम है. सतेंद्र सिवाल का गांववालों से कम ही वास्ता था. ये यूपी एटीएस का प्रेस नोट है, जिसमें बताया गया कि सतेंद्र के पास से सुरक्षा एजेंसियों ने 2 मोबाइल, आधार कार्ड, 600 रुपए नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं. सतेंद्र सिवाल के नेटवर्क में कौन कौन लोग शामिल हैं. देश में कहां कहां बैठे हैं और वो आगे क्या करने वाले हैं. इसकी डिटेल सुरक्षा एजेंसियां खंगाल रही हैं ताकि देश में बैठे पाकिस्तान के हर मोहरे का चेहरा बेनकाब हो सके.


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