नई दिल्लीः देश में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता रहा है. इस बार गणतंत्र दिवस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के चलते वे नहीं आ पाएंगे.


हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कोई अतिथि नहीं होगा. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई राष्ट्रप्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित नहीं था.


1966 के बाद होगा पहली बार ऐसा
देश में 1950 में पहली बार बनाए गए गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. इसके बाद 1951 में नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. टाइम्स ऑप इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी गेस्ट मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. 1952 और 1953 में भी रिपब्लिक डे परेड का गवाह कोई विदेश मुख्य अतिथि नहीं बन सका.


बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी से की थी बात
गौरतलब है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन आने के कारण भारत का दौरा रद्द किया है. जॉनसन ने मंगलवार को भारतीय पीएम मोदी से बात करके भारत आने में असमर्थता जताई थी.ब्रिटेन के पीएमओ के एक प्रवक्ता ने बताया था कि पीएम जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में उन्हें देश में रहना जरूरी है ताकि चुनौतियों से निपट सकें.


बता दें कि नए स्ट्रेन के चलते ब्रिटेन ने सख्त लॉकडाउन लागू है और मंगलवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि संक्रमण जितनी तेजी से फैल रहा है वह ‘‘बहुत दुखी करने वाला और चिंताजनक’’ है और फिलहाल देश के अस्पतालों पर महामारी का सबसे ज्यादा दबाव है.


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