नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है. सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच वोट डाले जाएंगे और चुनाव नतीजे 20 जुलाई को आएंगे. हालांकि, राजनीतिक पार्टियों के समर्थ और विरोध के समीकरण से साफ है कि एनडीए के उम्मीदवार रामानाथ कोविंद की जीत पक्की है, लेकिन इस जीत-हार से पहले मायावती ने साफ किया है कि इन दोनों उम्मीदवारों में कोई जीते, उन्हें खुशी होगी.


मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी दलितों की पार्टी समझी जाती है और उनका आधार वोट बैंक भी दलित ही माने जाते हैं. ऐसे में मायावती के लिए किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ खुलकर बोलना आसान नहीं है. इसलिए वोटिंग से पहले जब मायावती से पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि दोनों दलित वर्ग से हैं और जो भी जितेगा, खुशी होगी.


मायावती ने कहा, "इस बार दोनों तरफ से एनडीए और यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए दलित को मैदान में उतारा है, ये पहला मौका है जब दोनों तरफ से दलित उम्मीदवार हैं. चुनाव में हार जीत होती है. खुशी की बात है कि दोनों में से कोई जीते. दलित वर्ग का आदमी देश का राष्ट्रपति बनेगा. ये हमारी पार्टी और मूमेंट के लिए बहुत अच्छी बात है."


हालांकि, मायावती ने ये भी साफ किया है ये बहुजन समाज पार्टी की मुहिम का असर है कि दोनों पार्टियों को दलित उम्मीदवार उतारने पड़े.


किसके पास हैं कितने वोट


बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है. हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और एआईएडीएमके के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है. वहीं मीरा कुमार के समर्थन में 3 लाख 86 हजार 500 वोट के साथ 36 फीसदी वोट हैं.