Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन किए जाने की मांग को लेकर में दायर याचिकाओं मंगलवार (17 अक्टूबर) को सुनवाई होगी. इस दौरान अदालत मामले में अहम फैसला सुना सकती है. 


गौरतलब है कि LGBTQI समुदाय लंबे समय से देश में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता की मांग कर रहा है. इससे पहले समलैंगिक संबंधों को भारत में अपराध की श्रेणी में रखा गया था. हालांकि, 2018 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया. 


क्या सेम सेक्स मैरिज को मान्यता मिलेगी? इस सवाल का जवाब सुप्रीम कोर्ट कल अपने अहम फैसले में बता सकता है. इस बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कि LGBTQI समुदाय किसे कहते हैं, जो समलैंगिक विवाह के लिए जंग लड़ रहा है.


क्या है समलैंगिक विवाह?
जब दो समान समान लिंग वाले दो शख्स एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगते हैं या शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उसे समलैंगिकता कहते हैं. ऐसा करने वाले लोगों को समलैंगिक या होमोसेक्सुअल कहा जाता है. अगर इस तरह के दोनों शख्स शादी कर लेते हैं तो उसे समलैंगिक विवाह कहा जाता है. भारत में फिलहाल समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी गई है.


क्या होता है LGBTQI?
समलैंगिकता को कई भागों में बांटा जा सकता है. यानी अगर एक पुरुष दूसरे पुरुष के प्रति आकर्षित होता है तो उसे पुरुष समलिंगी (Gay) कहते हैं. वहीं, अगर एक महिला दूसरी महिला के प्रति आकर्षित होती है तो उसे महिला समलिंगी (Lesbians) कहते हैं.


इसके अलावा अगर कोई महिला और पुरुष दोनों लिंग के प्रति आकर्षित होता है तो बाइसेक्सुअल कह जाता है. ट्रांसजेंडर वो इंसान होते हैं जिनका लिंग जन्म के समय तय किए गए लिंग से मेल नहीं खाता. इनमें ट्रांस मेन, ट्रांस वीमन, इंटरसेक्स और किन्नर भी आते हैं. अगर किसी शख्स के पास दोनों तरह के गुप्तांग होते हैं, तो उन्हें इंटर सेक्स कहा जाता है. 


इन सभी ग्रुप को मिलाकर बनता है क्वीर (Queer). आमतौर पर क्वीर उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो हेट्रोसेक्सुअल नहीं हैं. इस पांचों ग्रुप के लोगों को मिलाकर LGBTQI कहा जाता है. 


क्या होता है हेट्रोसेक्सुअल?
हेट्रोसेक्सुअल LGBTQI से बिल्कुल अलग होता है और हेट्रोसेक्सुअल लोग अपने विपरीत जेंडर वाले लोगों के प्रति सेक्सुअली अट्रेक्ट होते हैं. 


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