Wrestling Federation Of India Office: खेल मंत्रालय की ओर से हाल में गंभीर आपत्ति जताए जाने के बाद शुक्रवार (29 दिसंबर) को भारतीय कुश्ती महासंघ का कार्यालय इसके पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के आवास से हटा दिया गया.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया, ''बृजभूषण के परिसर को खाली करने के बाद डब्ल्यूएफआई नई दिल्ली में एक नए पते से काम करेगा.'' डब्ल्यूएफआई का नया कार्यालय नई दिल्ली के हरि नगर क्षेत्र में है.


पैनल पर एक्शन के पीछे कार्यालय भी था कारण


खेल मंत्रालय ने 24 दिसंबर को संजय सिंह के नेतृत्व वाले नवगठित डब्ल्यूएफआई पैनल को निलंबित कर दिया था. संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने जाने के तीन दिन बाद मंत्रालय की ओर से यह कदम उठाया गया था. इस कड़ी कार्रवाई के पीछे एक कारण बृजभूषण के आवास से चल रहा कार्यालय भी बताया गया था.


मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा था, ''महासंघ का काम पूर्व पदाधिकारियों (बृजभूषण) की ओर से नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है- जो वह कथित परिसर भी है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और वर्तमान में अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है.'' मंत्रालय ने यह भी कहा था कि नया पैनल पूर्व (डब्ल्यूएफआई) पदाधिकारियों के पूरे नियंत्रण के तहत काम कर रहा था, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं था.


बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का विरोध


ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट समेत कई शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में हो रही है. बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग करते हुए दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी और विनेश समेत कई पहलवानों ने कई दिनों तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था. 


21 दिसंबर को बृजभूषण के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुने जाने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती त्यागने का ऐलान किया था, जबकि बजरंग ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है और विनेश फोगाट ने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस करने फैसला किया है. इन पहलवानों ने कहा है कि वे नहीं चाहते हैं कि महासंघ को बीजेपी सांसद बृजभूषण का कोई करीबी सहयोगी चलाए.


भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने एक बार फिर खेल के मामलों को चलाने के लिए वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया है.


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