Bengal Panchayat Election Violence Case: हाल ही में संपन्न हुए बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा के मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है. इसको लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आलोचना की है और दावा किया कि बीजेपी ने मणिपुर में कथित रूप से जो भारी भूल की है ये रिपोर्ट उससे ‘ध्यान भटकाने की तरकीब’ है. 


पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने ये सवाल भी किया कि बीजेपी ने जातीय हिंसा से प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य में भी ऐसे ही दल क्यों नहीं भेजे? बीजेपी की समिति ने हाल में पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हुई हिंसक घटनाओं की जांच की और बुधवार (26 जुलाई) को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इस समिति ने आरोप लगाया कि ‘शर्मनाक लोकतंत्र का घिनौना रूप’ चुनाव के दौरान देखा गया. 


तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘बीजेपी  घबराई हुई और परेशान है. बंगाल में हिसा की जांच करने वाली टीम राज्य का दौरा कर रही है लेकिन मणिपुर नहीं जा रही. हमने देखा है कि कैसे जांच टीम के सदस्य दिल्ली में बंगाल पर संवाददाता सम्मेलन करते हैं, लेकिन ऐसी किसी टीम ने मणिपुर का दौरा नहीं किया है.’’


'मणिपुर के मौजूदा संकट पर बयान अब तक नहीं दिया'


शशि पांजा ने सवाल किया कि क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के पटल पर मणिपुर के मौजूदा संकट पर बयान अब तक नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘‘संसद का सत्र चल रहा है लेकिन अब तक हमने संसद के पटल पर इस जातीय संघर्ष पर प्रधानमंत्री का संबोधन नहीं सुना है. पूरा देश संसद में प्रधानमंत्री के संबोधन की बाट जोह रहा है. विपक्षी दल शासित राज्यों का इन टीम का  दौरा करना ध्यान बांटने की तरकीब भर है.’’


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को विपक्षी गठबंधन की ओर से कांग्रेस की ओर से सरकार के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. विपक्ष ने प्रधानमंत्री को विवादास्पद मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए बाध्य करने के लिए यह कदम उठाया है. 


चुनाव के दौरान बंगाल में हिंसा करने का आरोप 
पांजा ने बीजेपी पर स्थानीय चुनाव के दौरान बंगाल में हिंसा करने का आरोप लगाया और कहा कि कई मौकों पर प्रदेश बीजेपी फर्जी वीडियो का इस्तेमाल करते हुए पकड़ी गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘वे राज्य को बदनाम करने के लिए फर्जी वीडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं. बीजेपी को पश्चिम बंगाल को बदनाम करना बंद करना चाहिए तथा मणिपुर की ओर देखना चाहिए.’’


बीजेपी के जांच दल के संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश को जानना चाहिए कि बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो गया है. प्रसाद ने दावा किया कि चुनावों के बाद लोगों में ‘खेला होबे’ का भय ही तृणमूल कांग्रेस सरकार की पहचान बन गया है. उन्होंने राजनीतिक कारणों से हत्याओं, हिंसा और लोगों को निशाना बनाये जाने की घटनाओं के शिकार परिवारों की पीड़ा सामने रखी.


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