West Bengal Panchayat Election 2023: कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार (9 जून) को घोषणा की कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी पंचायत चुनाव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के साथ गठबंधन में लड़ेगी. चौधरी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आठ जुलाई को होने वाले चुनाव में सीपीआईएम के साथ पूरा सहयोग करने को कहा है.  


उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और सीपीआईएम पंचायत चुनाव मिलकर लड़ेंगी. हमने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस मामले में सीपीआईएम को हर प्रकार का सहयोग देने के लिए पहले ही कह दिया है.’’ चौधरी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली की करीब 75,000 सीट पर चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 जून तक चलेगी. 


सीपीआईएम और कांग्रेस में पहले भी हुआ गठबंधन
सीपीआईएम नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में त्रिपुरा चुनाव के अलावा 2016 और 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. इसके बाद से दोनों दल विपक्षी एकता को बढ़ाने में भी सहयोग कर रहे हैं.  इससे पहले चौधरी ने कलकत्ता हाई कोर्ट से पंचायत चुनावों के लिए नामांकन ऑनलाइन दाखिल करने की अनुमति दिए जाने और केंद्रीय बलों की तैनाती किए जाने का आग्रह किया. 


अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में नॉमिनेशन पत्र दाखिल करने के लिए दी गई समय सीमा को अपर्याप्त मानते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (9 जून) को राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को इस संबंध में 12 जून को जवाब देने को कहा. 


चौधरी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के लोग अपना वोट तभी डाल सकते हैं, जब केंद्रीय बल तैनात किए जाएं. उनकी मौजूदगी के कारण सागरदिघी उपचुनाव में मतदान संभव हो सका, इसलिए तृणमूल कांग्रेस वहां हार गई और कांग्रेस जीत गई.''


ममता बनर्जी का किया जिक्र 
अधीर रंजन चौधरी ने ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर आप डरी हुई नहीं हैं और पंचायत चुनाव कराने की इच्छुक हैं तो केंद्रीय बलों की तैनाती की अनुमति देने में आनाकानी क्यों कर रही हैं?’’ चौधरी ने यह भी कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए. 


उन्होंने कहा कि दीदी (ममता बनर्जी) को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करें. बताएं कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगी. हम चुनाव से बचने की कोशिश नहीं कर रहे, लेकिन हम चाहते हैं कि ये शांतिपूर्ण तरीके से हों. 


चौधरी ने कहा, ‘‘हमें 2018 के पंचायत चुनाव याद हैं, जब डर के कारण लगभग 34 प्रतिशत आबादी वोट नहीं डाल सकी थी. टीएमसी ने बिना किसी चुनौती के कम से कम 20,000 सीट पर जीत हासिल की थी, क्योंकि लोग नामांकन दाखिल नहीं कर सके। लगभग 60-70 लोगों की हत्या कर दी गई थी.’’


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