नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट लगने की घटना पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने टीएमसी के जरिए दी गई शिकायत पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है. रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया है कि राज्य की मुख्यमंत्री की जान और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और राज्य में कानून व्यवस्था का पालन करना भी जरूरी है.

केंद्रीय चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के जरिए पश्चिम बंगाल के डीजीपी विरेंद्र के तबादले पर उठाए गए सवाल पर तृणमूल कांग्रेस को जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि डीजीपी का तबादला स्पेशल ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है. लिहाजा यह कह देना कि यह फैसला किसी एक राजनीतिक दल के कहने पर हुआ, पूरी तरह से बेबुनियाद है.

संवैधानिक संस्था की छवि

केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस की तरफ से लगाए गए उन आरोपों को भी सिरे से नकारा है, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनावों के मद्देनजर राज्य की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि केंद्रीय चुनाव आयोग चुनावों को निष्पक्ष तरीके से करवाना चाहता है और इस तरीके के आरोप एक संवैधानिक संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले हैं.

उन्होंने कहा है कि केंद्रीय चुनाव आयोग किसी भी सूरत में राज्य सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में किसी तरह का कोई दखल नहीं देता है. लिहाजा ऐसे आरोपों पर जवाब देना भी अच्छा नहीं लगता कि इस केंद्रीय चुनाव आयोग किसी एक राजनीतिक दल के इशारे पर काम कर रहा है.

बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग को जैसे ही ममता बनर्जी के साथ हुई दुर्घटना की जानकारी मिली तो आयोग ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है. वहीं इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और वह अपनी जांच कर रही है.

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