मुंबई: पश्चिम बंगाल में जारी सियासी घमासान के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से फोन पर बात की. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि दोनों नेताओं ने रविवार को बात की और कई मुद्दे पर विचार-विमर्श किया.


उन्होंने कहा कि एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और अन्य नेता भविष्य में विपक्ष को एकजुट करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जरूरत पड़ी तो शरद पवार खुद कोलकाता जाएंगे.’’


विपक्षी दलों की रैली बुलाएंगी ममता?
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने सोमवार को कहा कि पार्टी बीजेपी विरोधी एक मोर्चा बनाने के अपने प्रयास के तहत कोलकाता में विपक्षी नेताओं की एक बड़ी रैली आयोजित करने पर विचार कर रही है.


इस बारे में जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘शरद पवार और ममता बनर्जी जब कांग्रेस में थे तभी से उनके बीच बहुत सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. टेलीफोन पर एक बातचीज के दौरान, शरद जी ने उन्हें अपना समर्थन जताया. उन्होंने बंगाल आने और तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने की इच्छा भी व्यक्त की है.’’


तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अभी कुछ भी तय नहीं किया गया है. हम सोच रहे हैं कि क्या इस तरह की रैली आयोजित की जा सकती है. देखते हैं क्या होता है. हमें कोविड-19 की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा.’’


गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद केंद्र ने कथित लापरवाही के मामले में तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के लिए पत्र लिखा था जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच गतिरोध गहरा गया है.


मलिक ने कहा, ‘‘बीजेपी जिस तरह पश्चिम बंगाल सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र सरकार का इस्तेमाल कर रही है, वह बहुत गंभीर है. पश्चिम बंगाल सरकार की सहमति के बिना आईपीएस अधिकारियों को बुला लिया गया है, जो बहुत खतरनाक है. पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने पवार साहब से इस मुद्दे पर बात की है.’’


विपक्ष ने ममता का दिया साथ
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने हाल ही में आरोप लगाया कि प्रतिनियुक्ति पर तीन आईपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित करने वाला केंद्र का आदेश पश्चिम बंगाल के प्रशासन के कामकाज में हस्तक्षेप है.


पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जहां कांग्रेस द्वारा शासित हैं, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन है. डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘‘एकतरफा स्थानांतरण’’ को ‘‘निरंकुश और संघीय व्यवस्था के खिलाफ’’ बताया है.


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