नई दिल्ली: मौसम विभाग के मुताबिक तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी बारिश होने की उम्मीद है. इसके अलावा महाराष्ट्र, दक्षिणी छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुज़फ़्फ़राबाद, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा संभव है.


गुजरात, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. हरियाणा, पंजाब, गंगीय पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी कुछ स्थानों पर बौछारें पड़ सकती है.


यूपी के 12 जिलों के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित


यूपी में 12 जिलों के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और राज्य सरकार ने शनिवार को स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में बताया है. राज्य के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 12 जनपद के 331 गांव बाढ से प्रभावित हैं और दो जनपद लखनऊ से पश्चिम और दस जनपद लखनऊ से पूरब के हैं.


सुरेश खन्ना ने कहा, 'अभी तक कोई चिन्ताजनक स्थिति नहीं है, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.' उन्होंने बताया कि बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, आजमगढ, गोण्डा, संत कबीरनगर, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जनपद लखनऊ से पूरब के बाढ प्रभावित 10 जनपद हैं जबकि लखीमपुर और सीतापुर लखनउ से पश्चिम के बाढ़ प्रभावित जनपद हैं.


खन्ना ने बताया कि 331 गांवों की लगभग एक लाख 90 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. तीन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जो हमारे पास सूचना है, उसके हिसाब से शारदा नदी पलियांकलां और लखीमपुर में, राप्ती नदी बर्डघाट (गोरखपुर), राप्ती बैराज (श्रावस्ती) में, सरयू-घाघरा एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान के उपर बह रही हैं. वर्तमान में राज्य के जितने भी तटबंध हैं, वे सब सुरक्षित हैं.


असम में घट रहा बाढ़ का पानी, अब भी 11 लाख लोग प्रभावित
असम के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घटने लगा है. बाढ़ के हालात में सुधार है, मगर अब भी 11 लाख लोग प्रभावित हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, 33 जिलों में से 20 जिलों के 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. इनमें 8.30 लाख लोग राज्य के छह पश्चिमी जिलों- गोलपाड़ा, मोरीगांव, बोंगईगांव, बारपेटा, गोलाघाट, धुबरी और पूर्वी लखीमपुर के हैं.


भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले नौ दिनों से मॉनसूनी बारिश नहीं हुई है. इस कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार आना तय है.


प्रभावित जिलों के 75,711 हेक्टेयर खेतों में लगी फसलें अब भी डूबी हुई हैं. पहले, 24 जुलाई को 122,573 हेक्टेयर में लगी फसलें डूब गई थीं.



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