Uttarakhand News: उत्तराखंड में नकल माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई के तहत ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा (Forest Inspector Recruitment) में हुए कथित फर्जीवाड़े के संबंध में रविवार को विशेष जांच दल (STF) ने मुकदमा दर्ज किया. एक साल पहले हुई भर्ती परीक्षा की प्राथमिक जांच में धांधली की पुष्टि होने पर एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की है.


सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी से भर्ती परीक्षा में जांच कराने के संबंध में मिले निर्देश के बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एसटीएफ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी. सीएम ने कहा कि वह उनकी सरकार में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कठोर कार्यवाई की जाएगी.


'साइबर पुलिस ने माना हुई थी नकल'
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और साथ ही अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार कोई भी अन्याय नहीं होने देगी. गौरतलब है कि पिछले साल 16 से 25 सितंबर के बीच 18 पालियों में वन दरोगा के कुल 316 रिक्त पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. एसटीएफ और साइबर विभाग की जांच के बाद  इसमें अनियमितता और कुछ छात्रों के द्वारा नकल करने की पुष्टी हुई थी. 


इस मामले में देहरादून के साइबर थाने में भारतीय दंड विधान (IPC) की धारा 420 और 120 बी, 66 सूचना प्रौद्योगिकी कानून और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा नकल निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. एसटीएफ ने प्रकरण में प्राथमिक रूप से कुछ छात्रों को चिह्नित भी कर लिया है और इसमें सम्मिलित कुछ नकल माफियाओं को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की है. 


परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी की क्या थी भूमिका?
प्राथमिक जांच में परीक्षा को संपन्न कराने वाली एजेंसी ‘मैसर्स एनएसईआईटी’ की संलिप्तता के साक्ष्य भी प्रकाश में आए हैं, जबकि ऐसी भी कुछ अन्य निजी संस्थाओं को भी चिह्नित किया गया है. इस ऑनलाइन नकल माफिया गिरोह में हरिद्वार देहात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोगों के शामिल होने के संकेत मिले हैं.


इनमें परीक्षा कराने वाली एजेंसी के कुछ लोग, निजी संस्थाओं के लोग, कक्ष निरीक्षक तथा परीक्षा से जुड़े अन्य लोग संदेह के दायरे में हैं. गौरतलब है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच भी एसटीएफ कर रही है और इसमें अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 


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