Nitish Kumar Speech: बीजेपी से जेडीयू द्वारा गठबंधन तोड़ने के बाद से बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई. आए दिन बीजेपी और जेडीयू के नेता एक-दूसरे पर सियासी हमले कर रहे हैं. इसी बीच सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग में बीजेपी (2017 में) के साथ जाने को गलती मानते हुए कहा कि यह हमारी मूर्खता थी. 

सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद फोन आया था कि केंद्र सरकार में मंत्री बनाने के लिए दो नाम दीजिए, लेकिन हम जब दिल्ली पहुंचे तो कहा गए सिर्फ एक नाम चाहिए. हम नहीं माने क्योंकि हम चाहते थे कि जेडीयू कोटे से केंद्र में चार मंत्री हो.

आरसीपी सिंह का नाम लिए बगैर किया हमलाजेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब मैं केंद्रीय रेल मंत्री बना तो उन्हें अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया. वो नालंदा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन हमने इसके लिए उन्हें मना किया.

'कभी समझौता नहीं करेंगे'सीएम नीतीश कुमार ने एलान किया कि जब तक हमारी पार्टी है तब तक इन लोगों से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे. यह लोग सिर्फ हिंदू-मुस्लिम में बांटकर राज करना चाहते हैं. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी आरएसएस की बात नहीं मानी और पहले केंद्र सरकार के मंत्री जब किसी प्रोग्राम में जाते थे उनका नाम लेते थे, लेकिन अब यह नाम लेना भूल गए हैं. मौजूदा केंद्रीय मंत्री पार्टी की नहीं सिर्फ अपनी चर्चा करते हैं.

बिहार को मिले विशेष राज्य का दर्जा- सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. बीजेपी वाले कहते कि केंद्र से पैसा आया जबकि बिहार अपने दम पर आगे बढ़ा है. हमारी सरकार ने जो काम किया यह लोग उसका भी क्रेडिट लेना चाहते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया. एक योजना में केंद्र सरकार पैसा भेजकर उसे अपना बताना चाहती थी. 

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