लखनऊ: भारत ने चीन को एक और झटका दिया है. कानपुर और आगरा में मेट्रो बनाने के लिए चाइनीज कंपनियों के ठेके को कैंसिल कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉपोरेशन (UPMRC) ने तकनीकी खामियों की वजह से कानपुर और आगरा में चाइनीज कंपनी के टेंडर को खारिज कर दिया है. सरकार ने अब ये टेंडर भारतीय कंपनी बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया है. कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजना में ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का ठेका यही भारतीय कंपनी देखेगी.


यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 18 फरवरी, 2020 को चार इंटरनेशनल कंपनियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर डाला था. इनमें एक चाइनीज कंपनी सीआरआरसी भी शामिल थी. लेकिन तकनीकी खामियां पाए जाने के कारण चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया.


कानपुर और आगरा दोनों शहरों में तीन कोच वाली 67 मेट्रो ट्रेनें चलनी हैं. इनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए चलाने की योजना है. एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी. यानी हर कोच में लगभग 315 से 350 लोग यात्रा कर सकेंगे.


UPMRC के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार, कानपुर और आगरा दोनों ही शहरों में दो स्टेशनों के बीच की दूरी लगभग एक किमी है. यहां मेट्रो की स्पीड अधिकतम 80 किमी/घंटा निर्धारित की गई है. हालांकि मेट्रो ट्रेनों की अधिकतकम स्पीड 90 किमी/घंटा होती है. कानपुर और आगरा में भी लखनऊ की ही तर्ज पर रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए Integrated Tender Procedure अपनाया गया है. देश में पहली बार यह प्रयोग लखनऊ मेट्रो के लिए किया गया था, जो सफल रहा.


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