Swami Prasad Maurya On Ramcharitmanas: उत्तर प्रदेश में पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हमले कर रहे हैं. रामचरितमानस को लेकर पहले भी विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद ने एक बार फिर इसको लेकर बयान दिया है. उनका कहना है कि जब रामचरितमानस का पाठ लोगों ने बंद कर दिया तो सरकार पैसे खर्च करके अपनी तरफ से इसको बढ़ावा दे रही है.


दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नवरात्रि और रामनवमी पर मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और रामचरितमानस का पाठ कराए जाने की घोषणा की. इसको लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य से पत्रकारों ने एक कार्यक्रम के दौरान सवाल किया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा, “सरकार इस समय रामचरितमानस का पाठ कराने को मजबूर है, जो रामचरितमानस का पाठ कराने का बात कर रहे हैं, वे इस देश की महिलाओं, आदिवासियों और दलितों, पिछड़ों के सम्मान के दुश्मन हैं.”


‘संविधान के नियमों का उल्लंघन’


उन्होंने आगे कहा, “किसी भी पंथनिरपेक्ष और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार का एक धर्म विशेष को बढ़ावा देना संविधान के नियमों का उल्लंघन है.” पत्रकारों से बात करते हुए मौर्य ने कहा, “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. एक ही धर्म को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है. सरकार सबकी है, सरकार को बढ़ावा देना ही है तो सभी धर्मों को समान रूप से अपने सरकारी कोष से धन देने का काम करें."


‘तुलसीदास का विवादित महाकाव्य रामचरितमानस’


स्वामी प्रसाद मौर्य आगे कहा, “लेकिन तुलसीदास के विवादित काव्य जिसमें देश की महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित करने, अपमानित करने व शूद्र समाज को जाति सूचक शब्द कहने की बात कही गई है, इसमें शूद्र को नीच और अखम कहा गया है, उसके पाठ कराने का मतलब है वर्ग विशेष को अपमानित करना. यह सरकार देश के महिलाओं, आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों को अपमानित करने के लिए काम कर रही है. इनके सम्मान की दुश्मन है, इसीलिए इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सरकारी धन का खजाना खोल दिया है.”


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