PM Modi On UP Investor Summit: उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी (One Trillion Dollar Economy) बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (Ground Breaking Ceremony) लखनऊ में आयोजित की गई. देशभर से आये उद्योगपतियों (Industrialists) की तरफ से राज्य में 80 हज़ार करोड़ के निवेश का आज शिलान्यास किया गया. इस निवेश से राज्य की अर्थव्यवस्था बेहतर होने के साथ साथ 5 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे. 


इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत उनके मंत्रिमंडल के तमाम मंत्री और कई बड़े उद्योगपतियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे नंबर पर पहुंच चुके यूपी को नंबर एक बनाने की सरकार की कोशिश को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए बड़ी सफलता हाथ लगती दिखाई दी. अडानी ग्रुप के गौतम अडानी और बिरला ग्रुप से कुमार मंगलम बिड़ला समेत कई बड़े उद्योगपति इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. 


सरकार उद्योगपतियों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में यूपी के दूसरे नंबर पर होने का हवाला देकर ज्यादा से ज्यादा निवेश को प्रोत्साहित कर रही है. यही वजह है कि सरकार ने यूपी में 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश कराया है. इस कार्यक्रम में कुल 1406 कंपनियां शामिल हुई हैं. 






अपने संबोधन में क्या बोले पीएम मोदी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में खुद के काशी का सांसद होने का जिक्र करते हुए सभी को समय निकालकर काशी घूमने जाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश कर नौजवानों पर विश्वास किया है. पीएम ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश आपके सभी सपनों को पूरा करके देगा, ये मुझे पूरा विश्वास है.


उन्होंने कहा कि 80 हजार करोड़ का निवेश हजारों नए रोजगार के अवसर भी बनाएगा, इसका सबसे ज्यादा लाभ हमारे नौजवानों को मिलेगा. मोदी ने कहा कि दुनिया आज एक विश्वसनीय साथी की तलाश रही है. इस दुनिया ने भारत के पोटेंशियल को तब देखा जब कोरोना में भारत रुका नहीं बल्कि उसकी स्पीड और तेज हो गई. पीएम ने कहा कि आज भारत ग्लोबल रिटेल ग्रोथ में नंबर 2 पर है. 


 समिट में क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ ?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि फरवरी 2018 में पहले इन्वेस्टर समिट में 4 लाख 68 हजार के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, इसमें निवेश प्रस्ताव को यूपी सरकार ने मजबूती के साथ जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया. इस कार्यक्रम में 80 हजार करोड़ की परियोजनाओं को जमीन पर उतारा जा रहा है.


आज उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर है. प्रदेश ने अपने परंपरागत उद्योग को बढ़ावा दिया. हमने औद्योगिक नीति को लागू करके इन्वेस्ट फ्रेंडली बनाने का कार्य किया. हमने 40 विभागों के 1400 से अधिक कंप्लायंस को समाप्त किया.  इसके साथ ही हमने निवेशकों के आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर भूमि की उपलब्धता को लागू किया.


लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आज हुए आयोजन में डाटा सेंटर, कृषि, आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हैंडलूम एंड टेक्सटाइल, रिन्यूबल एनर्जी, एमएसएमई, हाउसिंग एंड कमर्शियल, हेल्थ केयर, वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक, डिफेंस एंड एयरोस्पेस फार्मास्यूटिकल एंड मेडिकल सप्लाई, एजुकेशन, डेयरी शामिल हैं. सरकार बड़े उद्योगपतियों के अलावा छोटे निवेशकों को यूपी के अलग अलग ज़िलों में निवेश करने के लिए बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश कर रही है. साथ ही स्टार्टअप्स को भी सुविधाएं और सहूलियत देकर रोजगार के नए अवसर पैदा करने की कोशिश कर रही है. 


यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने एबीपी न्यूज़ से बताया कि यूपी निवेश के लिए सबसे बेहतर राज्य है. यहां 25 करोड़ लोगों का बड़ा बाज़ार होने कर साथ-साथ राज्य ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में नंबर 2 पर पहुंच गया है. यूपी में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे, सबसे ज्यादा एयरपोर्ट और तमाम ऐसी सुविधाएं हैं जिससे निवेशक बेखौफ होकर निवेश कर सकता है. उन्होंने बेहतर कानून व्यवस्था को भी निवेश करने के बड़े कारण के तौर पर गिनाते हुए कहा कि इस आयोजन से सरकार को 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है.






यूपी में निवेश को लेकर क्या बोले उद्योगपति ?
निवेशकों से जब हमने पूछा कि पहले ऐसा क्या था कि निवेशक यूपी आने से डरते थे और आज ऐसा क्या है कि बड़ी संख्या में निवेशक यूपी को निवेश के लिए बेहतरीन राज्य मान रहे हैं तो इस सवाल पर लगभग सभी का एक जवाब था. सभी ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था ने उद्योगपतियों के डर को खत्म किया है.


उद्योगपतियों का कहना है कि पहले पैसा लगाने में डर लगता था कि व्यापार कर भी पाएंगे या नहीं लेकिन जब सरकार ने कानून व्यवस्था में सुधार किया तब उन्होंने लंबे समय तक देखा कि ये नियंत्रण स्थाई है या अस्थाई और जब स्थाई नियंत्रण को भांप गए तो यूपी में निवेश करने आ गए. बेहतर कानून व्यवस्था के अलावा सिंगल विंडो सिस्टम और छोटी और आसान प्रक्रिया ने उनको निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया.


कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की सोच और काम करने के तरीके को सराहा. वहीं लूलू ग्रुप में एमडी यूसुफ अली ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि जुलाई के पहले हफ़्ते में लखनऊ में लूलू ग्रुप का मॉल शुरू हो रहा है. लूलू ग्रुप ने यूपी में 5000 करोड़ का निवेश किया है जिससे क़रीब 10 हज़ार लोगों को नौकरियां मिलेंगी. 


एसएनएलजी ग्रुप के विवेक लढानी और एसएन लढानी ने कहा कि वो पहले यूपी छोड़कर बेंगलुरु चले गए थे लेकिन बीते 3 सालों में निवेश के अनुकूल अवसर देखकर वापस यूपी लौटे हैं. यशोदा अस्पताल ग्रुप के एमडी डॉक्टर पी एन अरोड़ा प्रदेश में 12 सौ करोड़ का निवेश कर रहे हैं. उनका दावा है कि इससे क़रीब 5000 लोगों को नौकरी मिलेगी.


श्री सीमेंट के एमडी एचएम बांगर 1200 करोड़ का निवेश कर रहे हैं जिसमें 600 करोड़ बुलंदशहर में और 600 करोड़ निवेश एटा में होगा. उनका दावा है कि प्रत्यक्ष तौर ओर 500 लोगों को और अप्रत्यक्ष तौर पर डेढ़ हजार लोगों को काम मिलेगा. इसी तरह जौली ग्रुप के सुनील जॉली होटल और वेयरहाउस में 160 करोड़ का निवेश कर रहे हैं.  


बुनियादी विकास के लिए क्या काम कर रही है यूपी सरकार ?
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि यूपी में यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पहले से है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे लगभग तैयार हो चुका है. इसके अलावा कई एक्सप्रेसवे पर काम चल रही है. वर्तमान में 9 एयरपोर्ट्स चल रहे हैं जबकि 5 पर काम चल रहा है. इसके अलावा 7 एयरपोर्ट्स और भी प्रस्तावित हैं.


राज्य में कानून व्यवस्था (Law & Order) बेहतर है और 25 करोड़ की आबादी वाला एक बड़ा बाज़ार है जो निवेशकों को लुभा रहा है. निर्यात (Export) के क्षेत्र में भी यूपी ने बीते 5 साल में बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसे में निवेशक अगर यूपी में निवेश करता है तो उसका भी लाभ होगा और यूपी का भी. इसी वजह से तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से राज्य सरकार को बहुत उम्मीदें हैं.




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