Judges Appointment Intelligence Input: देश में पिछले कुछ महीनों से सरकार और सुप्रीम कोर्ट में मतभेद देखने को मिल रहे हैं. सरकार ने शुक्रवार (17 मार्च) को लोकसभा में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि किसी उपयुक्त शख्स को न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि अपने आप में पूर्ण बाधा नहीं रही है.


केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा, ""राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित असाधारण परिस्थितियों वाले मुद्दों को छोड़कर आम तौर पर", उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्तावों पर खुफिया रिपोर्ट मांगने की प्रथा नहीं है." केंद्रीय कानून मंत्री ने यह बातें एक सवाल के लिखित उत्तर में कहीं. 


क्यों मांगी जाती है उम्मीदवार की खुफिया रिपोर्ट?


केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, "उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, विचाराधीन नामों के संबंध में उपयुक्तता का आकलन करने के लिए सरकार को ऐसी अन्य रिपोर्ट/इनपुट जो उपलब्ध हो सकती है, से विचार करने में आसानी रहती है." उन्होंने आगे कहा, "आईबी के इनपुट प्राप्त किए जाते हैं और सिफारिश करने वालों पर आकलन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को भेजे जाते हैं." 


'आम तौर पर खुफिया रिपोर्ट मांगने की प्रथा नहीं'


सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति के लिए सिफारिश किए गए एक वकील पर रॉ की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक किए जाने के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, "रिपोर्ट में उम्मीदवार की लैंगिकता का उल्लेख किया गया था."


कानून मंत्री ने अपने जवाब में उस व्यक्ति का नाम उजागर नहीं किया. रिजिजू ने आगे कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को छोड़कर आम तौर पर, असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्तावों पर रॉ की रिपोर्ट मांगने की प्रथा नहीं है."


कॉलेजियम ने सार्वजनिक कर दी थी रिपोर्ट


बता दें कि जजों की नियुक्ति को लेकर मतभेदों के बीच सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में खुफिया विभागों की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक कर दिया था. जिस पर अब केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है. रिजिजू ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को गंभीर चिंता का विषय बताया था.


उन्होंने कहा था कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं, और यदि उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो भविष्य में वे (कॉलेजियम) दो बार सोचेंगे. उन्होंने कहा था कि मैं समय रहते इस पर उचित तरीके से प्रतिक्रिया दूंगा.


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