Sanjay Raut On Rahul Gandhi: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को राहुल गांधी के स्वतंत्रता सेनानी वीडी सावरकर की आलोचना को गलत ठहराते हुए कहा कि इसके कारण कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा से हुए फायदे पर पानी फेर दिया. सामना में लिखे अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राज्यसभा सदस्य राउत ने सवाल किया कि राहुल गांधी लोगों की भावनाओं को छूने वाले मुद्दे उठा कर बीजेपी को ध्यान भटकाने का मौका क्यों दे रहे हैं?


गौरतलब है कि राहुल ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान महाराष्ट्र में इस सप्ताह की शुरुआत में सावरकर पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर महाराष्ट्र की सियासत में नया विवाद पैदा हो गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और सजा के डर से माफीनामा लिखा था.


क्या बोले संजय राउत?
मनीलॉन्ड्रिंग के एक मामले पर हाल ही में जमानत पर बाहर आये संडय राउत ने कहा कि मैंने जेल में तीन महीने बिताए. कई स्वतंत्रता सेनानियों को मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद किया गया था. वहां एक स्मारक है. एक आम कैदी के रूप में जेल में एक दिन भी बिताना मुश्किल है.


राउत ने कहा कि सावरकर ने अंडमान सेल्युलर जेल में 10 साल से अधिक का समय जेल में बिताया और कई मुश्किलों का सामना किया. ब्रिटिश सरकार ने उनको मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे मामले में नहीं गिरफ्तार किया था. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की मशाल जलायी थी, इसलिए उनको अंडमान की जेल में रखा गया.


सावरकर पर राउत ने क्या तर्क दिए?
संजय राउत ने कहा कि उम्रकैद की सजा का मतलब है कि जेल में 50 साल काटना. सावरकर के भाई नारायणराव को बिना शर्त रिहा कर दिया गया जबकि सावरकर को शर्तों के साथ रिहा किया गया. इसे माफी नहीं कहा जा सकता. राउत ने लेखक वाई डी फडके की किताब में एक उद्धरण का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि सावरकर द्वारा लिखे पत्र का क्षमा याचना के रूप में गलत अर्थ निकाला गया.


उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि यह जेल से रिहा होने की रणनीति थी. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी 26 मई 1920 को ‘यंग इंडिया’ में लिखे अपने लेख के जरिए सावरकर और उनके भाई को रिहा करने की मांग की थी.


आत्मसर्मपण नहीं कही जानी चाहिए रणनीति
संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर सावरकर ने जेल से रिहा होने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने हिंसक तरीके पर खेद जताया और इस खेद को आत्मसमर्पण नहीं कही जानी चाहिए बल्कि इसको एक रणनीति माना जाना चाहिए. शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे के नेता ने कहा कि आज कई नेता डर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने आत्मसमर्पण कर देते हैं, पार्टी बदल देते हैं और ईमानदारी से पीछे हट जाते हैं.  आत्मसमर्पण कर देते हैं, दल बदल लेते हैं और ईमानदारी गंवा देते हैं. सावरकर ने देश की आजादी के लिए 10 से अधिक वर्ष अंडमान जेल में बिताये.


सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास पर फेरा पानी
संजय राउत ने कहा कि सावरकर की आलोचना ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का एजेंडा नहीं था. राउत ने दावा किया कि सावरकर के खिलाफ बोलकर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास पर पानी फेर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने आठ साल तक सत्ता में रहने के बावजूद सावरकर को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया.


राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की छवि धूमिल करना बंद नहीं कर रहे हैं और राहुल गांधी भी सावरकर के साथ यही कर रहे हैं. यह देश के समक्ष एजेंडा नहीं है. इन परिस्थितियों में देश कैसे एकजुट हो सकता है.


Jammu Kashmir: 'भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं, वे सबके हैं', बोले फारूक अब्दुल्ला