Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड मामले में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को लेकर एक से बड़कर एक नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि सीबीआई में अतीक का एक वफादार गुलाम है जो पल-पल उसकी मदद कर रहा था.


जांच में पता चला है कि सीबीआई में डिप्टी एसपी अमित कुमार की अतीक अहमद से खास दोस्ती थी. यूपी के अभियोजन विभाग ने केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय में इस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. विभाग की ओर से कहा गया है कि अमित कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.


तथ्यों को किया था नजरअंदाज


सूत्रों के मुताबिक, अमित कुमार पर आरोप है कि उसने अतीक अहमद को बचाने में झूठी गवाही दी साथ ही तथ्यों को नजरअंदाज कर उसे बचाने की कोशिश की थी. दरअसल, अमित कुमार को साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रयागराज में हुए बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल मर्डर केस का आईओ बनाया गया था. 


आरोप है कि राजू पाल मर्डर केस में अमित कुमार ने गवाह उमेश पाल का नाम गवाह लिस्ट से हटा दिया था. दावा कर कहा गया कि, उमेश पाल के दिए बयान को अमित कुमार ने न उसको रिकॉर्ड में नहीं शामिल किया, न चार्जशीट में दिखाया और न केस डायरी में उसका जिक्र किया. इस सबके बाद उमेश पाल अपना बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली सीबीआई हेडक्वार्टर आया लेकिन इसके बावजूद अमित कुमार ने इस बात का जिक्र अपनी केस डायरी में नहीं किया.



अमित कुमार ने कोर्ट में दी झूठी गवाही


वहीं, जब उमेश पाल अपहरण केस का ट्रायल शुरू हुआ तो इस केस से कोई वास्ता नहीं होने के बावजूद अमित कोर्ट में पेश हुए और अतीक अहमद के पक्ष में गवाही दी. अमित ने साफ कहा कि उमेश पाल राजू पाल मर्डर केस में गवाह नहीं हैं. उनका अपहरण ही नहीं हुआ था. अमित ने ये तक कहा कि अतीक के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गई है.


गृह मंत्रालय ने शिकायत पर लिया संज्ञान और...


वहीं, अब इस सीबीआई अधिकारी अमित कुमार के खिलाफ शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच चुकी है. जिस पर अब गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए जांच बिठा दी है और आने वाले दिनों में इनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा सकता है.


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