यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट आज हंगरी और कुवैत के रास्ते से दोपहर 12 बजे मुंबई पहुंचे. मुंबई मे अब तक पांचवी उड़ान यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लेकर पहुंची है. एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट में 184 स्टूडेंट सवार थे, जिसमें से कुछ स्टूडेंट्स से एबीपी न्यूज ने बात की. मुंबई के रहने वाले  साहिल  यूक्रेन में एमबीबीएस की थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. महज 2 महीने ही बचे थे, लेकिन उसके पहले ही रूस और यूक्रेन में जंग छिड़ गई, जिस वजह से उन्हें भारत आना पड़ा. 


साहिल की बहन का कहना है कि 8 दिनों तक हम बहुत ही टेंशन में थे, लेकिन अब आनंद का दिन है. साहिल की बहन ने बताया के आज उनका जन्मदिन है और जन्मदिन के मौके पर उन्हे सबसे अच्छा गिफ्ट मिला है. साहिल ने बताया कि 24 तारीख को उनकी फ्लाइट थी, लेकिन 3 घंटे पहले ही पता चला कि वहां अटैक हो गया है, तब वे ट्रेन से निकले ही थे. उनके दोस्तों ने डिसाइड किया कि उन्हें वापस कीव में एम्बेसी में जाना चाहिए, जहां पर भारतीय दूतावास है. 


जैसे-तैसे हंगरी पहुंचे


दो-तीन दिनों तक वहां वो दूतावास में रुके रहे, लेकिन बाद में दूतावास से कहा गया कि अगर वह जाना चाहते हैं तो अपने रिस्क पर जा सकते हैं. फिर सभी 14 स्टूडेंट्स ने डिसाइड किया और वहां से वह निकले. उन्होंने एक बस बुक की. जैसे-तैसे वह बॉर्डर पर हंगरी पहुंचे, वहां पर 13- 14 घंटे कतार में खड़े रहकर लंबे प्रोसीजर को पूरा किया. उसके बाद आज भारत पहुंचे. उन्होंने स्वदेश सुरक्षित पहुंचने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया है.


भारत पहुंचने में लगा 1 सप्ताह


वहीं  मुंबई के डोंबिवली में रहने वाली अभिसूर्या ने बताया कि भारत पहुंचने में उन्हें पूरे 1 सप्ताह का वक्त लगा. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि वॉर जोन में अपनी जान को हथेली में रखकर उन्हें बॉर्डर तक पहुंचना पड़ा. उसके बाद उन्हें एंबेसी की मदद मिली. अब वो सही सलामत अपने घर पहुंची हैं. मुंबई के विक्रोली में रहने वाले नितिन नाथानी आज युक्रेन से वापस भारत लौटे. नितिन ने बताया के वह आसानी से भारत लौट आये. उन्हे कोई भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन उनके कई दोस्त अब भी फंसे हुए हैं, जो लगातार हो रहे हमलों से गुजर रहे हैं.


बाकी को जल्द निकाला जाए


नितिन ने सरकार से अपील करते हुए कहा के उनके कई दोस्त आज भी फंसे हुए हैं और उनका सुरक्षित रहना काफी ज़रूरी है. इसीलिए जल्द से जल्द उन्हें भी भारत लाया जाए. गुजरात सरकार के द्वारा कई रिप्रेसेंटाटिव (अधिकारी) मुंबई के एरपोर्ट पर गुजरात में रहने वाले छात्रों को लेने आये थे. छात्रों के लिए खास बस का इंतजाम किया गया है, जो उन्हें उनके घर तक छोड़ेंगे. सफर के दौरान सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा.


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