Loudspeaker in Mosque: मुंबई में लाउडस्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं. मुंबई की बांद्रा और सांताक्रूज इलाके में दो मस्जिदों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. इस मामले में पुलिस ने दोनों मस्जिदों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. दरअसल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक स्पीकर अगर कोई बजाता है तो उसे तय किए डेसिबल के नियमों का पालन करना जरूरी है. लेकिन मुंबई की दो मस्जिदों ने इसका पालन नहीं किया जिसके आरोप में पुलिस ने बांद्रा की नूरानी मस्जिद और सांताक्रूज की कब्रिस्तान मस्जिद पर केस दर्ज किया है.


बांद्रा के नुरानी मस्जिद के मैनेजमेंट पर सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन न करने का आरोप है. इस वजह से बांद्रा पुलिस ने मस्जिद के मैनेजमेंट के खिलाफ IPC की धारा 188 और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की धारा 37 (1),(3),135 और ध्वनि प्रतिबंधक नियम की धारा 33 (R)(3) के तहत मामला दर्ज किया है तो वहीं सांताक्रूज़ पुलिस ने लिंक रोड पर स्थित कब्रिस्तान मस्जिद से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ भी नियमो की अनदेखी के आरोप में मामला दर्ज किया है.


लाउडस्पीकर की राजनीति


महाराष्ट्र में इन दिनों लाउडस्पीकर पर विवाद जोरों पर है. इसको लेकर कई बवाल भी हो चुके हैं. ताजा मामला एमएनएस चीफ राज ठाकरे से जुड़ा है जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने का अल्टीमेटम दे दिया था, नहीं तो इसके परिणाम भी भुगतने की धमकी दे डाली थी. अगर ऐसा नहीं किया गया तो वो राज्य की सभी मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करवाएंगे. राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज हुए. साथ ही ऐसे वीडियो भी सामने आए जिसमें मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया. तो वहीं सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ कराने की बात कही थी जिसके बाद उनको राजद्रोह के आरोप में जेल में डाल दिया गया.


क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश


साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थल पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक शोर करने वाले उपकरणों पर पाबंदी लगाई हुई है. इस आदेश के तहत लाउडस्पीकर से लेकर तेज आवाज वाले म्यूजिक बजाना, पटाखे चलाने से लेकर हॉर्न बजाने पर रोक लगा दी गई है. चीफ जस्टिस आरसी लाहोटी और जस्टिस अशोक भान की खंडपाठ ने ये आदेश दिया था. खंडपाठ ने अपने आदेश में रात के वक्त किसी भी ध्वनी प्रदूषण करने वाले उपकरण के उपयोग पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सार्वजनिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज क्षेत्र के लिए तय शोर के मानकों से ज्यादा नहीं होगी. कोर्ट ने कहा कि जहां भी तय मानकों का उल्लंघन हो, वहां लाउडस्पीकर और उपकरण जब्त करने के बारे में राज्य प्रावधान करें.


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