Mamata Banerjee Visit Delhi: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में खेला करने की तैयारी में जुट गई हैं. आज शाम ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच रही हैं. इस दौरान मोदी सरकार को घेरने की कोशिश होगी साथ ही शीतकालीन सत्र के लिए विपक्ष की रणनीति तैयार करना उनके टारगेट पर होगा. वहीं त्रिपुरा के मुद्दे को लेकर टीएमसी के 15 सांसद भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. शीतकालीन सत्र शुरू होने को है उससे ममता का आना बहुत कुछ कह रहा है. पिछली बार जुलाई में जब ममता बनर्जी दिल्ली आईं थी तो उन्होंने पेगासस मुद्दे पर आयोग बना कर मोदी सरकार को घेरा था. अब एक बार फिर निशाने पर मोदी सरकार है.


दिल्ली पहुंचकर ममता बनर्जी पीएम मोदी से मुकालात भी करना चाहती हैं. इसके लिए ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से मिलने का वक्त मांगा है. माना जा रहा है कि इस दौरान राज्यों के लिए बकाए टैक्सों के पैसों का मामला उठा सकती हैं. वहीं माना जा रहा है कि ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का विरोध कर सकती हैं.


पीएम मोदी के साथ ममता का सियासी विरोध


बता दें कि पीएम मोदी के साथ ममता का सियासी विरोध है तो वहीं पश्चिम बंगाल की राजनीति में तो बीजेपी और टीएमसी के बीच जबरदस्त राजनैतिक लड़ाई भी हुई है. ऐसे में ममता अब 2024 के लिए 'मिशन दिल्ली' में जुट गई हैं. अपने पिछले दौरे में भी ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी.


माना जा रहा है कि ममता बनर्जी शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर सकती हैं. इसके लिए वह विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं. विपक्षी नेताओं से मिलकर वह शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की रणनीति तैयार कर सकती हैं.


त्रिपुरा के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में जुटी ममता


ममता बनर्जी विपक्ष को एकुजट करने के अलावा त्रिपुरा के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. इसके लिए ममता बनर्जी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के 15 सदस्य भी दिल्ली पहुंच चुके हैं. टीएमसी सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का वक्त मांगा है. बता दें कि त्रिपुरा के मुद्दे को लेकर 15 सांसद धरने पर बैठने वाले हैं.


दरअसल, त्रिपुरा में टीएमसी की नेता सायानी घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीजेपी कार्यकर्ता ने घोष पर शनिवार रात को मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब की एक नुक्कड़ सभा को बाधित करने का आरोप लगाया है. साथ ही कार्यकर्ता की हत्या और हमले का आरोप लगाया है. जिसके विरोध में TMC ने मोर्चा खोल दिया है.


वहीं बीजेपी का कहना है कि टीएमसी कार्यकर्ता असलम शेख की हत्या टीएमसी की अंदरूनी कलह का नतीजा है. बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी त्रिपुरा में हिंसा फैला रही है. त्रिपुरा में मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि ये दीदी के 'शांति दूत' हैं. त्रिपुरा को अशांत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इनकी भाषा और इनके हाथ में जो उससे हर कोई समझ लेगा की मंशा क्या है.


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