Trinamool Congress: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता पवन के. वर्मा (Pavan K. Varma) ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. नीतीश कुमार के महागठबंधन में लौटने और बिहार में एक नई सरकार बनाने के कुछ दिन बाद वर्मा ने इस्तीफा दिया है. उल्लेखनीय है कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ जनता दल (यूनाइटेड) का गठबंधन टूट गया है. पवन के. वर्मा पूर्व डीप्लोमैट और राज्य सभा सांसद रहे हैं. 


संशोधित नागरिकता कानून का विरोध किया था 
पवन के. वर्मा ने ट्वीट किया, "ममता जी कृपया पार्टी से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. मुझे दिए गए स्नेह के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं आपके साथ हमेशा संपर्क में बने रहने की आशा करता हूं. मैं संपर्क में रहने के लिए तत्पर हूं. आप सभी को शुभकामनाएं." जद (यू) के पूर्व सांसद पवन वर्मा पिछले साल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे. उन्होंने तब कहा था कि विपक्ष को मजबूत करने के लिए काम करना समय की जरूरत है. वहीं पवन वर्मा और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को 2020 में जद (यू) से उस वक्त निष्कासित कर दिया गया था, जब उन्होंने विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का खुलकर विरोध किया था.






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जद (यू) का महागठबंधन में लौटना इस्तीफे की वजह?
हालांकि जब पवन वर्मा और प्रशांत किशोर ने 2020 में विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून का विरोध किया था तब जद (यू) का बीजेपी से गठबंधन था. लेकिन इसी हफ्ते जद (यू) का बीजेपी से गठबंधन टूट गया है. बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाकर नई सरकार बनाई है. सीएम नीतीश कुमार के वापस महागठबंधन में लौटने के कारण पवन वर्मा का तृणमूल कांग्रेस छोड़ना माना जा रहा है.    


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