Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मुद्दे को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. संदेशखाली के स्टिंग ऑपरेशन के कथित वीडियो वायरल होने के बाद टीएमसी ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा और स्थानीय बीजेपी नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराकर आपराधिक कार्यवाही की मांग की. टीएमसी ने अपनी शिकायत में संदेशखाली की महिलाओं के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है.


टीएमसी ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की


टीएमसी ने चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में कहा, "रेप की झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए दबाव डालकर खाली कागज पर सिग्नेचर कराने का यह काम न केवल कानून और शक्तियों का दुरुपयोग है, बल्कि जालसाजी, धोखाधड़ी जैसे अपराध के बराबर है."


टीएमसी ने चुनाव आयोग से रेखा शर्मा, प्रियाली दास और अन्य  बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग की है. टीएमसी ने चुनाव आयोग से गवाहों को और अधिक डराने-धमकाने से रोकने और झूठे आरोपों के प्रचार प्रसार को रोकने के लिए निर्देश जारी करने की भी मांग की.


NCW ने चुनाव आयोग से जांच की मांग की


एनसीडब्ल्यू ने दावा किया कि महिलाओं को अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर किया गया और मामले में चुनाव आयोग से जांच की मांग की गई. चुनाव आयोग को लिखे पत्र में एनसीडब्ल्यू ने कहा, संदेशखाली की महिलाओं को टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वे पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी हैं.


तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार (10 मई) को  राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ अपने पद के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. टीएमसी के अनुसार कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के नेताओं ने उन्हें धोखा देकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराई गई.


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