Shatrughan Sinha: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोकसभा सदस्य शत्रुघन सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections), महाराष्ट्र राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) सहित कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी. महाराष्ट्र में पैदा हुए राजनीतिक संकट पर शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) बेहद मजबूत और काबिल इंसान हैं. उनको विरासत में जो परवरिश मिली है, उससे मुझे दिखता है कि वो सत्ता के मोह में नहीं हैं. 


शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि जैसे बालासाहेब ठाकरे कभी सत्ता के पीछे नहीं भागे वैसे ही उद्धव ठाकरे भी हैं. उद्धव ठाकरे के पास फिर से पावर आएगी, उनके कार्यकर्ताओं में बड़ी एकता है. शिवसेना के विधायकों के बागी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे मैं दूसरी पार्टी का नेता हूं तो मुझे किसी और के अंदरूनी मामले में नहीं बोलना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि यहां भी खेला हुआ है. यहां जो तमाशा हो रहा है उसे अलग लोग ही करवा रहे हैं. इस मामले में सूत्रधार पार्टी कोई और ही है जिनका मैं नाम लेना नहीं चाहता. 


राष्ट्रपति चुनाव पर क्या बोले शत्रुघन सिन्हा?


राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया हैं. यशवंत सिन्हा को शत्रुघन सिन्हा अपना बड़ा भाई मानते हैं. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा एक मजबूत उम्मीदवार हैं. जो लोग इस चुनाव को औपचारिकता बता रहे हैं उन्हें मैं बता दूं कि यशवंत सिन्हा कोई ऐसे वैसे व्यक्ति नहीं हैं, वे देश के वित्त मंत्री रहे हैं, एक जानी मानी हस्ती हैं. अभी चुनाव में बहुत कुछ होना बाकी है. 


सर्वसम्मति से बीजेपी की द्रौपदी मुर्मू को पहली आदिवासी राष्ट्रपति चुनने के सवाल पर शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि मैं इस बात का स्वागत करता हूं. कौन नहीं चाहेगा कि आदिवासी समाज आगे आए? हम सब इसके लिए फ्रिकमंद रहते हैं कि आदिवासी और दलित समाज को आगे लाया जाए, लेकिन क्या किसी खास पद के लिए केवल वही मापदंड होना चाहिए? और भी तो कोई मापदंड बताइए. यशवंत सिन्हा के लिए प्रचार करने को लेकर उन्होंने कहा कि वो मेरे बड़े भाई हैं, मैं उनका बहुत बड़ा प्रसंशक हूं, उनके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं, और मैं बिल्कुल उनके लिए प्रचार करूंगा. 


बीजेपी में लोकशाही खत्म होने पर छोड़ी पार्टी


बीजेपी को लेकर शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि बीजेपी को छोड़ने का मेरा कोई इरादा नहीं था, जब मैं बीजेपी में था तो मैंने कहा था कि ये मेरी पहली और आखिरी पार्टी है, लेकिन जब मैंने देखा कि पार्टी में लोकशाही खत्म हो रही है और तानाशाही आ रही है तो फिर बीजेपी को अलविदा कहना पड़ा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मुझे निकाला नहीं बल्कि आम जनता के मुद्दों को लेकर मैंने पार्टी छोड़ी थी. 


कांग्रेस में रहकर हुई थी बेचैनी


उन्होंने कहा कि उसके बाद मैं कांग्रेस में गया क्योंकि इस पार्टी का इतिहास और इससे कई महान नेता जुड़े रहे थे. कांग्रेस में जाकर चुनाव लड़ा हालांकि हार गया. अब हार के कारण क्या रहे, क्या खेला हुआ, हराया गया, ईवीमी वजह रही, जो भी था उसका अभी कोई मतलब नहीं है. बहरहाल हार गया या हराया गया, इसको लेकर मेरे मन में बेचैनी रही थी तो मैंने फिर कांग्रेस छोड़ दी थी. 


ममता बनर्जी देश की सर्वाधिक लोकप्रिय नेता


शत्रुघन सिन्हा (Shatrughan Sinha) ने कहा कि इसके बाद देश की सर्वाधिक लोकप्रिय नेता का ऑफर आया तो मैं टीएमसी (TMC) में गया. मैं चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रहित में टीएमसी में गया था. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) जैसी नेता का साथ मिलना सौभाग्य की बात है. जयप्रकाश के बाद अगर मैंने सबसे ज्यादा किसी को माना तो वो ममता बनर्जी हैं. अब तक का टीएमसी में जितना सफर रहा उसके बाद यही कह सकता हूं कि अब यही मेरी आखिरी पार्टी होगी. 


ये भी पढ़ें-


Maharashtra Political Crisis: सियासी उलटफेर के बीच शिंदे गुट पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक की मांग


PM Modi on Bypoll Results: यूपी से लेकर आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा तक, बीजेपी की फतह पर जानिए क्या बोले पीएम मोदी