TMC Vs Governor: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गुरुवार (18 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने गवर्नर पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में आगामी लोकसभा चुनावों में कथित रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं. वहीं, गवर्नर ने कहा है कि मेरी प्राथमिकता बंगाल के लोगों के साथ रहना है. मैं किसी को मुझे मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दूंगा. 


टीएमसी की शिकायत में गवर्नर आनंद बोस पर मतदान के दिनों के 'साइलेंट पीरियड' के दौरान दौरा करने का आरोप लगाया गया है. टीएमसी के एक नेता ने कहा, "आगामी लोकसभा चुनाव में बार-बार हस्तक्षेप करने और साइलेंट पीरियड के दौरान एवं वोटिंग वाले दिन चुनाव क्षेत्रों का दौरा करने की कोशिश के लिए गवर्नर सीवी आनंद बोस के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की गई है." बंगाल गवर्नर 19 अप्रैल को कूचबिहार का दौरा करना चाहते थे.


चुनाव के दौरान हिंसा के खिलाफ लड़ने पर है मेरा ध्यान: गवर्नर


वहीं, इस पूरे मामले पर गवर्नर आनंद बोस का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि संविधान के तहत उन्हें आने-जाने की इजाजत मिली हुई है. गवर्नर ने कहा, "मेरी प्राथमिकता बंगाल के लोगों के साथ रहना है. मेरा ध्यान राज्य में हिंसा के खिलाफ लड़ना है, खासकर चुनाव के दौरान. मेरा दौरा इसी मकसद के लिए है, लेकिन गवर्नर के कार्यालय का राजनीतिकरण करने की कोशिश हो रही है. मैं किसी को भी गवर्नर के पद की गरिमा कम नहीं करने दूंगा."


गवर्नर ने कैंसिल किया अपना दौरा


आनंद बोस ने आगे कहा, "मैं किसी को भी राजनीतिक शतरंज की बिसात पर मुझे मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दूंगा. संविधान के तहत कोई भी गवर्नर की आवाजाही पर रोक नहीं लगा सकता है. हालांकि, मैं राजनीतिक विवाद में शामिल नहीं होना चाहता हूं." उन्होंने कहा, "मैं लोगों के लिए ईमेल और फोन के माध्यम से 24 घंटे उपलब्ध हूं. राजनीतिक विवाद को देखते हुए मैं आज अपनी उत्तर बंगाल की यात्रा रद्द कर रहा हूं."


चुनाव आयोग ने गवर्नर को दौरा नहीं करने की दी थी सलाह


समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया था कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल गवर्नर को लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग की पूर्व संध्या पर कूच बिहार के अपने प्रस्तावित दौरे को रद्द करने की सलाह दी थी. आयोग का कहना था कि गवर्नर का दौरा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. कूचबिहार में 19 अप्रैल को पहले चरण के तहत वोटिंग होने वाली है. अभी यहां 48 घंटे का साइलेंट पीरियड लागू है. 


यह भी पढ़ें: कूचबिहार नहीं जा पाएंगे बंगाल के राज्यपाल, दौरे से एक दिन पहले EC ने लगा दी रोक; कही ये बात