नई दिल्ली: राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख सामने आ चुकी है. राम मंदिर का 5 अगस्त को शिलान्यास होने वाला है. इसी दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम जन्मभूमि स्थल पर भूमि पूजन करेंगे. इस सब के बीच जहां कुछ विपक्षी दल कोरोना काल में राम जन्म भूमि स्थल पर भूमि पूजन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. तो वहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी इसके मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए थे. लगातार उठ रहे इन सवालों पर बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने हमला करते हुए कहा कि जो भी लोग सवाल उठा रहे हैं. यह कांग्रेस के वह मुखौटे हैं, जो सालों से राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं. साथ ही अब जबकि भूमि पूजन की तारीख सामने आ चुकी है, कांग्रेस अपने इन्हीं मुखौटों के जरिए उसका विरोध करवा रही है.


विरोध करने वाले और सवाल खड़े करने वाले राम जन्म भूमि शिलान्यास को टलवाना चाहते हैं


बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने हमला करते हुए कहा की राम जन्म भूमि के भूमि पूजन का इंतजार आज से नहीं, बल्कि सदियों से किया जा रहा था. साथ ही अब जबकि यह तारीख सामने आ गई है और खुद प्रधानमंत्री भूमि पूजन करने के लिए अयोध्या जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस अपने इन्हीं मुखौटों और मुखबिरों के सहारे अलग-अलग तरीकों से उस पर सवाल खड़े करवा रही है, जिससे कि किसी भी सूरत में राम जन्मभूमि का भूमिपूजन का कार्यक्रम टल जाए.


कोरोना से लड़ाई और चीन से तनावग्रस्त हालातों का राम मंदिर शिलान्यास पर असर नहीं


बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने विपक्ष के उन राजनेताओं पर भी सवाल उठाया जो कोरोना काल और चीन के साथ तनाव ग्रस्त हालात में राम मंदिर शिलान्यास को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. राकेश सिन्हा ने विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कहा की मोदी सरकार कोरोना काल में लगातार जनता के हितों में कदम उठा रही है. और इसका जमीनी स्तर पर असर भी दिख रहा है. इसके साथ ही चीन के साथ चल रहे विवाद पर भी प्रधानमंत्री ने खुद सीमा पर जाकर चीन को कड़ा संदेश दिया है. जो कदम उठाए जा रहे हैं, उससे भी चीन बौखलाया हुआ है.


तो ऐसे में जो लोग कोरोना काल और चीन के साथ तनावपूर्ण स्थिति की बात कहकर राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर सवाल पूछ रहे हैं उनका मकसद कुछ और ही है. लेकिन फिलहाल राम मंदिर शिलान्यास अपनी तय तारीख पर होगा और इस दौरान भी सारे नियम कानूनों का पूरी तरह पालन किया जाएगा.


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