नई दिल्ली: देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन केंद्र और राज्य सरकारों से कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बीच खिलाफ ढील ना देने की अपील की है. इसके साथ ही आईएमए ने कहा कि देश के कई हिस्सों में जिस तरह से लोग और अथॉरिटीज ने सावधानियां बरतनी कम कर दी हैं उसे देखकर दुख होता है.


आईएमए ने चेतवानी दी कि देश हाल ही में आधुनिक चिकित्सा बिरादरी और राजनीतिक नेतृत्व के काफी प्रयासों की बदौलत विनाशकारी दूसरी लहर से बाहर निकला.


आईएमए ने कहा, ''दुनियाभर में मौजूद सबूत और महामारियों का इतिहास देखें तो तीसरी लहर करीब है. हालांकि यह दुखद है कि देश के कई हिस्सों में, सरकारें और लोग ढिलाई बरत रहे हैं और बिना कोविड प्रोटोकॉल का पालन किये बड़ी संख्या में इकट्ठे हो रहे हैं.''


IMA ने कहा, ''पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह जरूरी हैं लेकिन कुछ और महीने इंतजार किया जा सकता है.  इनकी इजाजत देना और लोगों को टीका लगवाए बगैर इस भीड़भाड़ में शामिल होने देना कोविड की तीसरी लहर में बड़ा योगदान दे सकता है.’’


IMA का यह बयान ओडिशा के पुरी में सालाना रथ यात्रा शुरू होने के दिन और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की अनुमति दिये जाने की चर्चा के बीच आया है. आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.


एक पखवाड़े चलने वाली यात्रा श्रावण महीने की शुरुआत (करीब 2 जुलाई) से आरंभ होकर और अगस्त के पहले हफ्ते तक चलेगी जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के करोड़ों कांवड़िए गंगा का पवित्र जल लेने के लिए हरिद्वार में जमा होते हैं. पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर की वजह से यात्रा को रद्द कर दिया गया था. 


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