चेन्नई: तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोविड डेटा में हेरफेर नहीं की जाए. उन्होंने कहा कि झूठे आंकड़ों का कोई मतलब नहीं है. सच्चाई सामने आनी चाहिए और फैक्ट्स का सामना किया जाना चाहिए. डीएमके ने लगभग एक दशक बाद तमिलनाडु में सत्ता में वापसी की है और एमके स्टालिन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब भारत कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर से लड़ रहा है.

  
कोरोना से 10 सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में है तमिलनाडु 
तमिलनाडु कोरोना से 10 सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक है. महामारी के बाद से राज्य में 13 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. राज्य में शुक्रवार को 26,000 से अधिक करोना संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं. नई सरकार के लिए कोविड का सामना करना एक बड़ी चुनौती है.


कोरोना राहत के रूप में 4000 रुपये देने की घोषणा कर चुके हैं स्टालिन
शुक्रवार को शपथ ग्रहण के तुरंत बाद स्टालिन ने सबसे पहले कोरोना राहत के रूप में हर परिवार को 4,000 रुपये प्रदान करने की घोषणा. 2,000 रुपये की पहली किस्त मई महीने में दी जाएगी. सीएम स्टालिन ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार सभी स्टेट गवर्नमेंट इंश्योरेंश कार्डहोल्डर्स का निजी अस्पतालों में कोरोना संबंधित उपचार का खर्च वहन करेगी. स्टालिन राज्य में 10 मई से 24 मई तक दो सप्ताह के लॉकडाउन की भी घोषणा कर चुके हैं. 


हालांकि राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों की बड़ी-बड़ी रैलियों को भी कई विशेषज्ञों ने कोरोना के मामले बढ़ने के लिए  दोषी ठहराया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर सीएम एमके स्टालिन से चर्चा की.  


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