Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में कब्जे के बाद एक तरफ जहां तालिबान वहां की सत्ता में आ गया है तो वहीं दूसरी तरफ वहां की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. इस बीच वहां पर लोग सड़कों पर उतर कर तालिबान का जोरदार विरोध भी कर रहे हैं. काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद काफी संख्या में लोग पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं. ऐसी खबर आ रही है कि बुधवार को तालिबान ने कंधार स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) जाकर वहां पर डॉक्यूमेंट्स की तलाशी ली थी.


गौरतलब है कि भारत सरकार की तरफ से पहले ही काबुल स्थिति भारतीय दूतावास से राजदूत और अन्य स्टाफ को निकाला जा चुका है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वहां का दूतावास बंद नहीं किया जाएगा और वहां पर फंसे भारतीय लोगों को निकालने के लिए मदद की जाएगी. इसके साथ ही, स्पेशल सेल बनाया जाएगा. सरकार की तरफ से यह कोशिश है कि जल्द से जल्द सुरक्षित अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के वापसी सुनिश्चित हो सके. भारतीय राजदूत एवं कर्मियों सहित करीब 200 लोगों को दो सैन्य विमानों से बाहर निकालने का काम अमेरिका की मदद से पूरा किया गया था.


फंसे लोगों को निकालने के लिए बनाया गया स्पेशल सेल


विदेश मंत्रालय ने 16 अगस्त को ‘विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ’ की स्थापना की थी ताकि व्यवस्थित तरीके से अफानिस्तान से वापसी और अन्य अनुरोधों के संबंध में समन्वय स्थापित किया जा सके. मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इस प्रकोष्ठ में विदेश मंत्रालय के युवा अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं. इसमें 20 से अधिक अधिकारियों को लगाया गया है.


उन्होंने बताया कि अधिकारी फोन कॉल सुन रहे हैं, ई-मेल और व्हाट्सएप संदेशों का जवाब दे रहे हैं और सम्पर्क करने वाले लोगों की वर्तमान स्थिति एवं कुशलक्षेम की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इसके तहत अफगानिस्तान में अभी भी मौजूद भारतीयों के आंकड़ों को देखा जा रहा है और मदद मांगने वाले से जानकारी प्राप्त करने एवं उन्हें आगे के कदम के बारे में सुझाव दिया जा रहा है.


इस सेल का गठन काबुल स्थित भारतीय दूतावास से कर्मियों के भारत लौटने से पहले किया गया था ताकि अफगानिस्तान में फंसे शेष भारतीयों से निर्बाध सम्पर्क सुनिश्चित किया जा सके. उल्लेखनीय है कि इसी महीने अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया. विदेश मंत्रालय का कहना है कि अब पूरा ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करने पर होगा.


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