Supreme Court Of India: हाल ही में सोशल मीडिया में एक खबर वायरल हो रही है जिसमें कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जज के प्रमोशन पर रोक लगा दी है जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके खिलाफ दर्ज मान-हानि के मामले में दोषी ठहराया दिया है.


ये सच नहीं है, दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाई है जिसमें उसने गुजरात के कुल 68 न्यायाधीशों को डिस्ट्रिक्ट जज के लिए उनके योग्यता नहीं बल्कि उनकी वरिष्ठता के आधार पर प्रमोट किया था.


रोक के दायरे में नहीं आते हैं सजा सुनाने वाले जज
हालांकि, आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमआर शाह ने रविवार को एक मीडिया ऑउटलेट को बताया कि उनके द्वारा पारित रोक को मीडिया में गलत ढंग से रिपोर्ट किया किया गया, उन्होंने कहा राहुल गांधी को दोषी ठहराने वाले जज इस रोक के दायरे में नहीं आते हैं लिहाजा उनकी प्रोन्नति पर उनके इस फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


ऐसा इसलिए है क्योंकि आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि यह रोक सूची में उन लोगों पर लागू नहीं होगी जो केवल योग्यता के आधार पर पदोन्नत होंगे, क्योंकि वे इसे तब भी करेंगे जब उनकी पदोन्नति योग्यता के आधार पर की गई हो.  


जस्टिस एमआर शाह ने कहा, इस आदेश का किसी एक व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुद्दा योग्यता और वरिष्ठता का था, यानी मेरिट और सिनियरटी का था. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में कहा गया है कि पीठ ने सभी 68 प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है लेकिन यह बात वो लोग कह रहे हैं, जिन लोगों ने पीठ के आदेश को पढ़ा ही नहीं है. उन्होंने कहा, योग्यता सूची से बाहर आने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति पर रोक लगा दी गई है.


'मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा', सीएम के ऐलान से पहले बोले डीके शिवकुमार- सोनिया गांधी मेरी रोल मॉडल