Supreme Court: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को ज़्यादा पारदर्शी बनाए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ में आज (24 नवंबर) भी सुनवाई जारी रहेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अरुण गोयल (Arun Goyal) के चुनाव आयुक्त पद पर नियुक्ति से जुड़ी मूल फाइल तलब कर ली है. कोर्ट ने कहा कि वह देखना चाहता है कि आखिर अरुण गोयल की नियुक्ति में किस तरह और कौनसी प्रक्रिया अपनाई गई है. बीते दिन (23 नवंबर) हुई सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए थे.  


कोर्ट ने आज केंद्र को अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल पेश करने का फरमान जारी किया है. जस्टिस केएम जोसेफ की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि वह देखना चाहते हैं नियुक्ति कैसे हुई और किस प्रक्रिया का पालन किया गया?  नियुक्ति कानूनन सही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसे केवल रिकॉर्ड के लिए रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मामले में 17 नवंबर को भी सुनवाई हुई थी और नियुक्ति 19 नवंबर को की गई. फिलहाल नियुक्ति न की जाती तो बेहतर होता. 


केंद्र ने रखी थी अपनी बात 


बीते दिन हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त को इतना मजबूत होना चाहिए कि अगर कल प्रधानमंत्री के ऊपर भी किसी गलती का आरोप लगता है, तो वह अपना दायित्व निभा सके. इसपर अपनी बात रखते हुए सरकार ने जवाब दिया कि सिर्फ काल्पनिक स्थिति के आधार पर केंद्रीय कैबिनेट पर अविश्वास नहीं किया जाना चाहिए. अभी भी योग्य लोगों का ही चयन किया जा रहा है. 


2018 में दायर हुई थी याचिका 


यह सुनवाई कोर्ट ने भविष्य में कॉलेजियम सिस्टम के तहत CEC और EC की नियुक्ति की प्रक्रिया पर 23 अक्टूबर 2018 को दायर की गई एक याचिका पर की है. इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र एकतरफा चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करती है. पांच जजों (जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषीकेश रॉय और सीटी रविकुमार) की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. 


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