Muzaffarnagar Slap Case: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में हुए थप्पड़ कांड को लेकर आज शुक्रवार (26 अप्रैल) को सुप्रीम में सुनवाई हुई. जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां ने इस मामले की अध्यक्षता की. सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार से अपराधी पर मुकदमा चलाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था जिसका जवाब यूपी सरकार ने दिया.


लाइव लॉ के मुताबिक, यूपी राज्य के वकील का कहना है कि आरोप पत्र तैयार है, मंजूरी का इंतजार है. उनका कहना है कि मंजूरी मिलते ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. वहीं, बच्चे के पिता की ओर से दायर निर्देशों के लिए आवेदन पर आते हुए, एलडी एएसजी का कहना है कि प्रार्थना ए और सी का अनुपालन किया गया है.


उन्होंने कहा, “हम राज्य को 10 मई को प्रार्थनाओं की सूची से निपटने के लिए एक काउंटर दाखिल करने का निर्देश देते हैं.”


‘राज्य का व्यवहार ऐसा जैसे उपकार कर रहा’


मामले पर वकील शादां फरासत ने कहा, “फीस नहीं दी है, स्टेशनरी नहीं दी है. राज्य उसके साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे कि वे उसे किसी प्रकार का उपकार कर रहे हों.” इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा, “हमने स्कूल के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों को भी लिखा है.”


गरिमा प्रसाद की इस दलील पर फरासत ने कहा, “आरटीई की धारा 12 में कहा गया है. इसके लिए राज्य को प्रतिपूर्ति करनी होगी. उन्हें एनजीओ के पास भी नहीं जाना पड़ेगा. पिता इधर से उधर भाग रहे हैं.” इस पर जस्टिस ओका ने कहा कि इन प्रार्थनाओं के संबंध में एक छोटा सा हलफनामा दायर करें.


पिछली सुनवाई में क्या हुआ?


इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि अपराधी पर मुकदमा चलाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. कोर्ट ने अतिरिक्त अधिवक्ता गरिमा प्रसाद को इस संबंध में राज्य से निर्देश लेने के लिए कहा गया था. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 अप्रैल के लिए तय की थी. पिछले साल सितंबर से इस संबंध में पारित कई आदेशों की निगरानी करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने प्रभावित छात्रों और पीड़ितों को परामर्श देने में राज्य सरकार की ओर से दिखाए गए अनुपालन पर संतोष व्यक्त किया था.   


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