सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह SIR की ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे लोगों की जानकारी आसान तरीके से उपलब्ध करवाए. हर जिले के लिए अलग से वेबसाइट हो, जिनमें जानकारी डाली जाए. इसका व्यापक प्रचार किया जाए. SIR की ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर आपत्तियों पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह निर्देश दिए.
जस्टिस सूर्य कांत और जोयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि सूचना पाने के लिए लोगों का किसी पर निर्भर रहना सही नहीं. उन्हें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) या राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) का चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए. अगर किसी कोई लिस्ट में नहीं है, तो उसे या उसके परिवार को यह जानकारी आसानी से मिले. इससे अगर ज़रूरी हुआ तो वह सुधार के लिए दावा कर सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह कदम उठाने को कहा है :-
- छूटे हुए वोटरों के नाम ज़िला स्तरीय वेबसाइट पर डाले जाएं
- सूचना बूथ के हिसाब से होगी. उसे EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र नंबर) के ज़रिए चेक किया जा सकेगा
- वोटर का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में न होने का कारण भी लिखा जाएगा
- वेबसाइट के बारे में स्थानीय मीडिया और आधिकारिक सोशल मीडिया में व्यापक प्रचार किया जाए
- पब्लिक नोटिस में यह भी बताया जाए कि लोग आधार कार्ड की कॉपी लगा कर अपना दावा कर सकते हैं
- हर बूथ लेवल ऑफिसर छूटे नामों की लिस्ट पंचायत भवन और ब्लॉक ऑफिस में नाम छूटने के कारण के साथ लगाए
- जिलावार लिस्ट को राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की वेबसाइट में भी डाला जाए
- बूथ लेवल और डिस्ट्रिक्ट लेवल अधिकारियों से अनुपालन रिपोर्ट लेकर चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को सूचित करे
कोर्ट ने कहा है कि वह 22 अगस्त को दोपहर 2 बजे अगली सुनवाई करेगा. उस दिन चुनाव आयोग की रिपोर्ट देखने के साथ ही याचिकाकर्ता पक्ष के दूसरे सुझावों को भी सुना जाएगा. गुरुवार को हुई सुनवाई में चुनाव आयोग की तरफ से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि मतदाताओं तक आसानी से जानकारी पहुंचाने पर आयोग आपत्ति कर ही नहीं सकता. उसकी आपत्ति सिर्फ इस बात पर है कि कोई एनजीओ पूरी लिस्ट पाने को अपना अधिकार बताए.