Supreme Court On Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक बल की योग्य महिलाओं अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल किए. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. 


चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrchud) ने कहा, ''ये सारी दलील का 2024 में कोई महत्व नहीं है. महिलाओं को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता और  नजरअंजाज नहीं किया जा सकता. आप नहीं करेंगे तो हम करेंगे. ऐसा में इसपर छ्यान दें.''


दरअसल, प्रधान न्यायाधीश डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ भारतीय तटरक्षक अधिकारी प्रियंका त्यागी की दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा हैं. 


किसने क्या दलील दी?
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने दलील दी कि मामले को लेकर भारतीय तटरक्षक बल ने बोर्ड गठित किया है. वेंकटरमणी की दलील पर कोर्ट ने कहा कि इसमें महिलाएं होनी चाहिए है. मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार (1 मार्च, 2024) को होगी. 


याचिका में क्या सवाल किया गया है?
भारतीय तटरक्षक अधिकारी प्रियंका त्यागी ने अपनी याचिका में सवाल किया है कि जब भारतीय नौसेना (Indian Navy) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दे रही है तो आईसीजी ऐसा क्यों नहीं कर सकता. 


सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में अपनी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इनकार करने के लिए केंद्र और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि समुद्री बल को एक ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो महिलाओं के साथ निष्पक्ष व्यवहार करे. 


इनपुट भाषा से भी.


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