Subrata Roy Profile: 75 वर्षीय सुब्रत रॉय ने 1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी. सहारा इंडिया परिवार की ओर से एंबी वैली सिटी, सहारा मूवीज स्टूडियो, एयर सहारा और उत्तर प्रदेश विजार्ड्स जैसे कई व्यवसाय संचालित किए गए हैं. 


2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को 'भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता करार दिया था. वहीं, सुब्रत रॉय को 2012 में इंडिया टुडे की ओर से भारत के 10 सबसे शक्तिशाली लोगों में नामित किया गया था.  


अररिया में बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था जन्म


सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया में एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और मां का नाम छवि रॉय है. उनके पिता और माता पूर्वी बंगाल के बिक्रमपुर के थे जो अब बांग्लादेश में हैं. वे भाग्यकुल जमींदार नामक एक अमीर जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे.


गोरखपुर से शुरू किया था पहला व्यवसाय


सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की और बाद में गोरखपुर के गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उन्होंने अपना पहला व्यवसाय गोरखपुर में शुरू किया था.


1976 में रॉय ने चिट फंड चलाने वाली एक संघर्षरत कंपनी सहारा फाइनेंस ज्वाइन की और बाद में इसे टेक ओवर कर लिया. 1978 में उन्होंने अपना फाइनेंशियल मॉडल बदल दिया. माना जाता है कि सहारा ने बेहद पुराने पीयलेस ग्रुप के फाइनेंशियम मॉडल का इस्तेमाल किया था. 


1990 के दशक में रॉय लखनऊ चले गए, जो उनके ग्रुप का आधार बन गया. वहां से यह विविध व्यापारिक हितों के साथ भारत का सबसे बड़ा समूह बन गया. रॉय का व्यवसाय कई क्षेत्रों जैसे कि वित्तीय सेवाओं, शिक्षा, रियल एस्टेट, मीडिया, मनोरंजन, पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल और हॉस्पिटैलिटी में फैला.


लंदन और न्यूयॉर्क में खरीदे होटल


उन्होंने 1992 में हिंदी अखबार 'राष्ट्रीय सहारा' शुरू किया. 90 के दशक के अंत में उन्होंने पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना शुरू की थी. 2000 में सहारा टीवी लॉन्च किया गया था जिसे बाद में सहारा वन नाम दिया गया.  2010 में सहारा ने लंदन में प्रतिष्ठित ग्रोसवेनर हाउस होटल और 2012 न्यूयॉर्क में ऐतिहासिक प्लाजा होटल और ड्रीम डाउनटाउन होटल खरीदा था.


सहारा समूह की कंपनियों पर सेबी कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगा था. इसके चलते सुब्रत रॉय को जेल भी जाना पड़ा. वह पेरोल पर बाहर थे.


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