Subramanian Swamy On PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और बीजेपी (BJP) को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने एक कथित विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा, "अगर 12 जनवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट से पहले, सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल राम सेतु (Ramsetu) को राष्ट्रीय विरासत स्मारक के रूप में स्वीकार करने की घोषणा नहीं करते हैं तो मोदी को नमक हरामी (Namak Haraami) के रूप में जाने जाएंगे". 


दरअसल, तमिलनाडु स्थित ऐतिहासिक राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग को लेकर नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस ब्रिज को लेकर विवाद 2007 में शुरू हुआ था जब तत्कालीन यूपीए (UPA) सरकार के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भगवान राम और “रामसेतु” के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए एक हलफनामा दायर किया था. अब एक बार फिर इस मुद्दे को सुब्रमण्यम स्वामी ने हवा देने का काम किया है. 






एडम्स ब्रिज भी कहलाता है राम सेतु


राम सेतु तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के बीच चूने के पत्थरों की एक श्रृंखला है. तमिलनाडु में रामेश्वरम के पास समुद्र स्थित राम सेतु को एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है. पौराणिक और धार्मिक मान्यता है कि भगवान राम ने श्रीलंका जाने के लिए इस पुल का निर्माण कराया था. 


इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि आठ साल हो चुके हैं लेकिन इस याचिका पर कोर्ट नोटिस के जवाब में केंद्र सरकार हलफनामा दाखिल नहीं कर रही है. इस बीच यह याचिका सुनवाई के लिए 16 बार लगी लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग पर कोई भी जवाब दाखिल नही किया.


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